4 बीघा जमीन पर मधुमक्खी का पालन कर 5 लाख रुपये की कमाई, बागपत के किसान से जानिए इसका तरीका

यूपी तक

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मधुमक्खी पालन
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Honey Bees Business : खेती-किसानी में अब पैसा नहीं रहा और इसे करने की कोई सोचता भी नहीं...ये सारी बातें अब पुरानी हो गईं. आजकल के युवा भी आधुनिक तकनीक से खेती कर रहे हैं और पैसे के साथ अपना नाम भी बना रहे हैं. खेती के साथ-साथ ही पशुपालन भी अब घाटे का सौदा नहीं रहा.उत्तर प्रदेश में आज कई लोग मधुमक्खी पालन से अच्छी कमाई कर रहे हैं. मधुमक्खी पालन पैसों के लिहाज से तो बेहतर है ही साथ ही पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है.वहीं यूपी के एक किसान ने मधुमक्खी पालन को अपनी  आमदनी का जरिया बना लिया है और अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं. 

मधुमक्खी पालन से लाखों की कमाई

बागपत के रतनपुरी गांव निवासी किसान मदन कुमार मधुमक्खी पालन से सालाना 5 लाख रुपये कमा रहे हैं. हमारे सहयोगी चैनल'किसान तक' से बातचीत में मदन ने बताया कि, 'हम लोग 24 साल से मधुमक्खी पालन के व्यवसाय से जुड़े हैं. पहले वह गेहूं, धान समेत अन्य फसलों की खेती करते थे. लेकिन कुछ अलग करने की चाहत से उन्होंने मधुमक्खी पालन का काम शुरू किया. हमने हापुड़ जिले से 10 बॉक्स लाकर इस काम की शुरुआत की थी. जो धीरे-धीरे 150 बॉक्स तक पहुंच गई है. मेरे शहद की बाजार में काफी मांग है.'

मदन कुमार ने आगे बताया कि,  वह 4 बीघा जमीन में मधुमक्खी पालन करते हैं. अब वह शुद्ध शहद तैयार करते हैं, जिसकी बाजार में अच्छी पकड़ है और आसानी से बिक जाता है.  राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल में भी इसे काफी पसंद किया जाता है और लोग उनके खेत पर भी यह शहद लेने आते हैं. एक किलो शहद की कीमत बाजार में लगभग 400 रुपये है. मधुमक्खी पालन से साल भर में लगभग 5 लाख की आमदनी होती है. 

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कैसे करें मधुमक्खी पालन

किसान मदन कुमार के मुताबिक, 2×2 लकड़ी के बक्से लाए जाते हैं और उनमें मधुमक्खियों को छोड़ दिया जाता है और लगभग 50 से 60 दिनों में मधुमक्खियां अपना शहद तैयार करना शुरू कर देती हैं. मधुमक्खियों को एक तरफ हटाने के बाद, शहद बक्से में जाल पर इकट्ठा होता है और 50 से 60 दिनों के बाद इसे बाहर निकाल कर बाजार में बेच दिया जाता है. बाजार में शहद की अच्छी मांग होने के कारण रेट भी अच्छा मिलता है.उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण लेना बहुत जरूरी है क्योंकि, मधुमक्खी एक जीवित प्राणी है और अगर साल भर उसका भरण-पोषण करना है तो अलग-अलग मौसम के हिसाब से उसका प्रबंधन करना होगा. इसके अलावा, यह पता होना चाहिए कि मधुमक्खियों को किस तरह का भोजन किस समय करना है. जबकि, मधुमक्खियों को कीड़ों या बीमारियों से कैसे बचाया जाए, इसकी भी जानकारी होनी चाहिए.  मधुमक्खी पालन के कई फायदों के बारे में बताते हुए मदन कुमार ने बताया कि शहद के साथ-साथ मोम और दूसरे मधुमक्खी उत्पादों की मांग बाजार में बढ़ रही है. 

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