कब मनाई जाएगी आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की दुर्गाष्टमी? जानें कन्या पूजन के विशेष उपाय और विधि

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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत कल यानी 6 जुलाई से हो चुकी है. वहीं इसका समापन 15 जुलाई को होना है. ऐसे में लोगों के बीच व्रत और पूजा पाठ की विधि को लेकर असमंजस की स्थिति रहती है. श्रीकैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य के मुताबिक आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की श्रीदुर्गाष्टमी 14 जुलाई को मनाई जाएगी. वहीं 15 जुलाई को नवमी के साथ इसका समापन किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने नवमी के दिन कन्या पूजन को लेकर कुछ विशेष उपाय और विधि के बारे में बताया है.

धर्म ग्रंथों के अनुसार तीन साल से लेकर नौ साल की कन्याएं साक्षात माता का स्वरूप मानी जाती हैं. कन्या पूजा के बिना नवरात्र का व्रत और पूजा संपन्न नहीं माना जाता है. मान्यता के अनुसार, कुछ परिवारों में कन्या पूजन अष्टमी के दिन होता है तो कुछ में नवमी के दिन. इन कन्याओं को मां दुर्गा का नौ स्वरूप मानकर इनकी पूजा की जाती है.  इस दिन दुर्गा मां की पूजा के बाद कंजकों (कन्याओं) के साथ एक लड़के को भोजन कराया जाता है. 

कन्या पूजन के दौरान करें ये काम

महंत रोहित शास्त्री के मुताबिक कन्या पूजन से पहले कन्याओं के पैर साफ पानी से धोना चाहिए. फिर तिलक लगाकर और फिर मौली बांधे,व्रती के घर में इस दिन खीर, पूड़ी, हल्वा और काले चने बनाए जाते हैं और कन्याओं को खिलाया जाता है. इसके बाद सभी कन्याओं से आशीर्वाद लेकर कुथ उपहार देना चाहिए.

कन्या पूजन के समय इन मंत्रों का करें जाप

मंत्राक्षरमयीं लक्ष्मीं मातृणां रूपधारिणीम्। नवदुर्गात्मिकां साक्षात् कन्यामावाहयाम्यहम्।।

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जगत्पूज्ये जगद्वन्द्ये सर्वशक्तिस्वरुपिणि। पूजां गृहाण कौमारि जगन्मातर्नमोस्तु ते।।

।। कुमार्य्यै नम:, त्रिमूर्त्यै नम:, कल्याण्यै नमं:, रोहिण्यै नम:, कालिकायै नम:, चण्डिकायै नम:, शाम्भव्यै नम:, दुगायै नम:, सुभद्रायै नम:।।

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महंत रोहित शास्त्री के अनुसार गुप्त नवरात्रि के दौरान हर व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद व्यक्ति को कुछ न कुछ दान अवश्य करना चाहिए. जो व्यक्ति दान करता है उस व्यक्ति के परिवार में भी हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है. ऐसे में राशि अनुसार दान करने की भी मान्यता है.

मेष राशि - इस दिन आप कन्याओं को लाल वस्त्र, लाल रुमाल,लाल कंगन, राजमाश,गुड़,नारियल,घी, केसर,21रुपए कन्याओं को भेंट करें.

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वृष राशि - चांदी के कोई आभूषण, आटा,चीनी, चावल,दूध, सफेद वस्त्र भेंट स्वरूप दे सकते हैं.

मिथुन राशि -इस दिन आप कन्याओं को  हरे रंग के वस्त्र,कांसे का कोई बर्तन, मूंग की दाल, घी, हरा फल आदि कन्याओं को भेंट करें.

कर्क राशि- इस राशि के लोगों के लिए कन्याओं को चांदी की कोई वस्तु जैसे थाली,गिलास, चम्मच,चावल,मिश्री, सफेद वस्त्र, दूध आदि कन्याओं को भेंट करें.

सिंह राशि - स्वर्ण के आभूषण,तांबे का बर्तन, गुड, घी, माता की लाल चुनरी, केसर और 11 रुपए भेंट करें.

कन्या राशि- कन्या राशि के लोगों के लिए कन्याओं को हरे रंग के वस्त्र,चांदी के सिक्के,किताबे कन्याओं को भेंट करें.

तुला राशि-  तुला राशि के व्यक्ति भी कन्याओं को कोई सफेद रंग के वस्त्र कपड़ा, चावल,आटा भेंट करें.

वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि के लोग कन्याओं को माता की लाल रंग के वस्त्र, गुड़, घी आदि भेंट करें.

धनु राशि - पीले रंग के वस्त्र,कांस्य पात्र,हल्दी, घी, केले आदि भेंट करें.

मकर राशि - चांदी के सिक्के,लोहे की कोई चीज,नीले रंग के वस्त्र, तेल या आयनमेंट आदि का भेंट करें.

कुंभ राशि - चांदी के कंगन, मकर के समान ही कुंभ राशि के लोग भी कन्याओं को नीले रंग के वस्त्र आदि भेंट करना कल्याण कारी रहता है.

मीन राशि- पीले रंग के वस्त्र, सोने के आभूषण, हल्दी आदि  कन्या को अवश्य भेंट करें.

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