आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर जवाब के लिए SC ने यूपी सरकार को दो हफ्ते का समय दिया
उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri Violence Case) में सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष…
ADVERTISEMENT
उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri Violence Case) में सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 26 जुलाई को मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
आशीष मिश्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि इस मामले में पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है.
पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान तब आठ लोगों की मौत हो गई थी, जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र के दौरे का विरोध कर रहे थे.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया, जिसमें आशीष मिश्रा सवार थे.
घटना के बाद गुस्साए किसानों ने चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस हिंसा की घटना में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी.
इस साल 18 अप्रैल को, शीर्ष अदालत ने मामले में मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द कर दिया था और उन्हें एक सप्ताह में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था.
शीर्ष अदालत ने कहा था कि ‘सबूत के बारे में अदूरदर्शी दृष्टिकोण’ अपनाते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में ‘पीड़ितों’ को ‘निष्पक्ष और प्रभावी सुनवाई’ से वंचित कर दिया गया.
ADVERTISEMENT
लखीमपुर खीरी कांड के एक साल बाद भी अजय मिश्रा का मंत्री बने रहना अपमानजनक: कांग्रेस
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT