यूपी में अब कांग्रेस के पास पूरब से लेकर पश्चिम तक सांसद, जिन सीटों पर लड़ी पार्टी जानें वहां ऐसा रहा प्रदर्शन
Uttar Pradesh News : कांग्रेस को यूपी में जहां छह लोकसभा सीटों पर सफलता मिली है, वहीं छह अन्य सीटों पर करीबी मुकाबले में आने से उसका रुतबा बढ़ा है.
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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में पिछले करीब तीन दशक से अपनी खोयी राजनीतिक जमीन तलाश रही कांग्रेस के लिये मौजूदा लोकसभा चुनाव किसी संजीवनी से कम नहीं माने जा सकते हैं. लोकसभा चुनाव के नतीजों में उत्तर प्रदेश से जहां भाजपा को बड़ा झटका लगा है तो वहीं कांग्रेस को फायदा. पार्टी राज्य में 17 में से छह सीट पर अपना कब्जा जमाया है. उत्तर प्रदेश में 2009 के बाद कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया है और इसी के साथ यूपी में अब कांग्रेस के पास पूरब से लेकर पश्चिम तक सांसद हो गए हैं.
यूपी में पिछले 15 सालों से लोकसभा सीटों का सूखा झेल रही कांग्रेस को इस बार संतोषजनक परिणाम मिले हैं. पार्टी को जहां छह लोकसभा सीटों पर सफलता मिली है, वहीं छह अन्य सीटों पर करीबी मुकाबले में आने से उसका रुतबा बढ़ा है. सपा के साथ गठबंधन में उसने यूपी में कुल 17 उम्मीदवार उतारे थे. कांग्रेस को अमेठी, रायबरेली, बाराबंकी, सीतापुर, सहारनपुर व इलाहाबाद लोकसभा सीट पर विजय मिली है
2024 में कांग्रेस को यहां मिली जीत
लोकसभा सीट | कंग्रेस प्रत्याशी | भाजपा प्रत्याशी | हार-जीत का अंतर |
रायबरेली | किशोरी लाल शर्मा | स्मृति ईरानी | 1,67,196 |
अमेठी | राहुल गांधी | दिनेश प्रताप सिंह | 3,90,030 |
बाराबंकी | तनुज पुनिया | राजरानी रावत | 2,157,04 |
सहारनपुर | इमरान मसूद | राघव लखन पाल | 64,542 |
प्रयागराज | उज्ज्वल रमण सिंह | नीरज त्रिपाठी | 58,795 |
सीतापुर | राकेश राठौर | राजेश वर्मा | 89,641 |
12 सीटों पर पार्टी का प्रदर्शन रहा शानदार
चुनाव में कांग्रेस को जहां यूपी की छह सीटों पर सफलता मिली है. वहीं छह सीटों पर उसे 45 हजार से कम मतों से पराजय का सामना करना पड़ा है. इस तरह 17 में से 12 सीटों पर उसका प्रदर्शन बेहतर रहा. बांसगांव सुरक्षित सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी सदल प्रसाद को महज 3150 मतों से पराजय का सामना करना पड़ा. कानपुर से कांग्रेस प्रत्याशी आलोक मिश्रा को 20968, मतों से पराजय का सामना करना पड़ा.
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जब यूपी के रास्ते दिल्ली पहुंची थी कांग्रेस
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पिछले करीब तीस साल से सत्ता से बाहर है और पार्टी लंबे समय से यहां वापसी की राह तलाश रही है. पुरानी कहावत है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से ही होकर जाता है, तो दिल्ली की सत्ता पर कब्जा जमाने के लिए कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में मजबूत वापसी की दरकार थी, जो इस चुनाव में कुछ हद तक हुई भी है. 2009 में जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी तो उत्तर प्रदेश में पार्टी का प्रदर्शन शानदार था. यूपी में कांग्रेस ने 21 सीटों पर जीत हासिल की थीं. 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने जिन सीटों पर जीत दर्ज की उनमें अकबरपुर, अमेठी, रायबरेली, बहराइच, बाराबंकी, बरेली, धौरहरा, डुमरियागंज, फैजाबाद, फर्रुखाबाद, गोंडा, झांसी, कानपुर, खीरी, कुशीनगर, महाराजगंज, मुरादाबाद, प्रतापगढ़, श्रावस्ती, सुल्तानपुर और उन्नाव शामिल थी.
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