नोएडा में साइबर क्राइम से लड़ रही IPS प्रीति यादव ने बताई है बड़े काम की बात, जान लीजिए
देश के हर कोने में डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी "मन की बात" कार्यक्रम में इस तरह की धोखाधड़ी के खिलाफ लोगों को आगाह किया था. इस बीच नोएडा में भी एक डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है.
ADVERTISEMENT
देश के हर कोने में डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी "मन की बात" कार्यक्रम में इस तरह की धोखाधड़ी के खिलाफ लोगों को आगाह किया था. इस बीच नोएडा में भी एक डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है. यहां आरोपियों ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए नोएडा कारोबारी से 1.19 करोड़ रुपये ऐंठ लिए. हालांकि इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए नोएडा पुलिस ने ना केवल मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया. बल्कि IPS प्रिति यादव ने एक वीडियो शेयर करते हुए लोगों को साइबर अरेस्ट से बचने के कुछ सुझाव भी दिए हैं.
इस वीडियो के जरिए उन्होंने बताया है कि 'पुलिस या पुलिस की कोई भी एजेंसी जैसे कि सीबीआई, ईडी या किसी प्रदेश की क्राइम ब्रांच आपको कॉल पर डिजिटली अरेस्ट नहीं करती है. ना ही आरबीआई का कोई सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट होता है जिसमें आपके बैंक अकाउंट का कोई डिटेल होता है जिससे कोई आपको ब्लैक मेल कर सके. अगर आपको कभी भी कोई डिजिटल अरेस्ट से संबंधित कॉल करता है तो आप पास के थाने में संपर्क कर सकते हैं या 1930 साइबर हेल्पलाइन नंबर पर अपनी रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं.'
IPS प्रीति यादव कौन हैं
चंडीगढ़ की रहने वाली प्रीति यादव ने यूपीएससी 2019 में सफलता हासिल की. उन्हें यूपीएससी में 466वां रैंक मिला था. यूपी कैडर में आईपीएस बनने के बाद से ही वह अपने अलग-अलग कार्यों से खासी सुर्खियों में सहारनपुर में एएसपी रहने के दौरान बेलआउट कैफे और महिला सुरक्षा के लिए उनके किए गए कार्य की खासी सराहना होती है. प्रीति यादव को पिछले दिनों नोएडा कमिश्नरेट में ट्रांसफर किया गया था. फिलहाल वह यहां की अहम जिम्मेदारी निभा रही हैं.
दिलचस्प है सफलता की कहानी
प्रीति यादव के सफलता की कहानी काफी दिलचस्प है. प्रिति यादव ने अपने हेड कॉन्सेटबल पिता की वर्दी को देखकर IPS बनने की सपना देखा था. अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी. मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने ग्रैजुएशन के बाद UPSC की तैयारी शुरू कर दी. इस दौरान उन्होंने किसी फिक्स फॉर्मूले को फॉलो नहीं किया. बल्कि अपने हिसाब से पढ़ाई जारी रखी. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि 'यूपीएससी का सिलेबस बड़ा होता है.अगर उससे बड़ा आपका लक्ष्य हो जो वह छोटा हो जाता है.'
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
22 साल की उम्र में किया क्रैक कर लिया UPSC
प्रीति यादव ने 22 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की. वर्ष 2019 में उन्होंने इस परीक्षा को क्रैक किया था. इसके बाद उन्हें यूपी कैडर में आईपीएस बनाया गया.
काम को लेकर होती रही है चर्चा
प्रीति यादव ने अभी तक के अपने करियर में कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनों का नेतृत्व किया है, जिसमें कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए कदम और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शामिल है. उनकी नेतृत्व क्षमताओं और तेजतर्रार छवि के कारण उन्हें नोएडा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में तैनात किया गया है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT