नाग पंचमी पर चंदौली में मनाई जाती है अनूठी परंपरा, दो गांव के लोग आपस में बरसाते हैं पत्थर
UP News Hindi: हमारा देश परंपराओं और लोक मान्यताओं को निभाने वाला देश माना जाता है. मगर आज के आधुनिक युग में भी ऐसी लोक…
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UP News Hindi: हमारा देश परंपराओं और लोक मान्यताओं को निभाने वाला देश माना जाता है. मगर आज के आधुनिक युग में भी ऐसी लोक मान्यताएं प्रचलित हैं, जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे. उत्तर प्रदेश के चंदौली में बरसों से एक ऐसी ही लोक मान्यता चली आ रही है, जिसे निभाने के लिए 2 गांव के लोग एक दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं. नाग पंचमी के दिन होने वाली इस पत्थर मार परंपरा के पीछे लोगों की मान्यता है कि ऐसा करने से उनके गांव में सूखा नहीं पड़ता और महामारी नहीं आती.
UP News : पुलिस की मौजूदगी में एक दूसरे पर पत्थर बरसाते लोगों को देखकर आप हैरान मत होइए. यहां कोई मारपीट या झगड़ा नहीं चल रहा है. बल्कि एक ऐसी परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है, जो वर्षों से चली आ रही है. यह तस्वीर चंदौली जिले के बीसूपुर-महुआरी गांव की है. दरअसल इन दोनों गांव के बीच बरसों से पत्थर बरसाने की परंपरा चली आ रही है.
लोक मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन ऐसा करने से इन दोनों गांवों में महामारी नहीं आती और सूखा नहीं पड़ता. नाग पंचमी के दिन शाम को बिसूपुर और महुआरी गांव के लोग गांव के बाहर स्थित एक बरसाती नाले के आरपार इकठ्ठा होते हैं और एक दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं. यह कार्यक्रम कुछ देर तक चलता है. इसके बाद दोनों गांव के लोग अपने अपने घरों को चले जाते हैं और बाद में भी प्रेम परस्पर से रहते हैं.
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Chandauli News : एक तरफ जहां दोनों गांव के लोग आपस में पत्थर बरसाते हैं. वहीं दूसरी तरफ गांव की महिलाएं सावन के गीत गाती हैं. या पत्थर मार कार्यक्रम तब तक चलता रहता है जब तक दोनों ही पक्षों में किसी एक को चोट ना लग जाए. इसके बाद इस कार्यक्रम को समाप्त कर दिया जाता है और दोनों गांव के लोग हंसी खुशी अपने घरों को चले जाते हैं.
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इस परंपरा को देखने के लिए न सिर्फ दोनों गांव के लोग यहां पर मौजूद रहते हैं, बल्कि आसपास के गांव के लोगों की भी मौजूदगी रहती है. यही नहीं किसी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो उसके लिए यहां पर भारी फोर्स की तैनाती भी रहती है. वैज्ञानिक और आधुनिक युग में भी इस तरह की परंपरा यहां चली आ रही है. इसको देखते हुए अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस पत्थर मार परंपरा के बदले दोनों गांव के बीच खेलकूद के आयोजन के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा.
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