दो पत्नियों का खर्च न उठा पाने के चलते ओमवीर ने की बरेली में लेखपाल मनीष कश्यप की हत्या? पूरा सच जानिए

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Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में हुए एक दिल दहला देने वाले हत्याकांड ने सबको झकझोर कर रख दिया. लेखपाल मनीष कश्यप के अपहरण और हत्या के पीछे की वजह जब सामने आई तो लोग हैरान रह गए. कहानी आर्थिक तंगी, दो पत्नियों का खर्च और गाड़ी की ईएमआई के इर्द-गिर्द घूमती है. आरोपियों की क्रूरता ने एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार कर दिया है. हालिया जेल से जमानत पर आये मुख्य आरोपी ओमवीर ने पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया. 

ओमवीर के अनुसार, वह आर्थिक तंगी से इतना परेशान था कि उसने मनीष कश्यप के अपहरण के बाद फिरौती मांगने की योजना बनाई. लेकिन योजना नशे और डर के कारण बेकाबू हो गई और लेखपाल की गला घोंटकर हत्या कर दी गई. शव को नाले में फेंक दिया गया, जहां जलकुंभी और जंगली जानवरों के कारण लेखपाल का कंकाल ही बरामद हो सका. पुलिस ने 24 घंटे के भीतर इस जघन्य हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ और कॉल रिकॉर्डिंग के जरिए इस पूरे मामले की परतें धीरे-धीरे खुलीं, जिसने आरोपी ओमवीर की नीयत और काले कारनामों को उजागर कर दिया.

 

 

आर्थिक तंगी और दो पत्नियों के खर्च से जन्मी हत्या की योजना

मुख्य आरोपी ओमवीर की जिंदगी आर्थिक संकटों से जूझ रही थी. उसकी दो पत्नियां थीं एक बरेली में और दूसरी नोएडा में. दोनों का खर्च उठाना उसके लिए मुश्किल हो गया था. हाल ही में उसने एक गाड़ी खरीदी थी, जिसकी किस्तें बाकी थीं. इन परिस्थितियों में, उसने सोचा कि किसी व्यक्ति का अपहरण करके फिरौती वसूली जाए. दावा है कि ओमवीर ने अपने मामा नन्हे कश्यप के साथ मिलकर लेखपाल मनीष कश्यप के अपहरण की योजना बनाई. फिरौती से चार-पांच लाख रुपये मिलने की उम्मीद थी। लेकिन यह साजिश घटना की रात ही बेकाबू हो गई और हत्या का कारण बनी. 

शराब पिलाकर किया अपहरण

27 नवंबर की रात को ओमवीर ने लेखपाल मनीष कश्यप को बहाने से बुलाया. उसने चार क्वार्टर शराब खरीदी और मनीष को भी शराब पीने के लिए मजबूर किया. मनीष ने ₹100 की नमकीन ली और सभी ने एकसाथ शराब पी. नशे की हालत में मनीष का फोन स्विच ऑफ कर दिया गया. इसके बाद ओमवीर ने अपने साथियों के साथ मिलकर मनीष को सरदार के फार्महाउस पर ले जाने की योजना बनाई.

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फार्महाउस पर कैद की योजना फेल

फार्महाउस में काम करने वाले कर्मचारी नेत्रपाल ने जब मनीष को बंधक बनाकर रखने की बात सुनी तो वह डर गया. उसने साफ इनकार कर दिया, जिसके बाद आरोपियों ने योजना में बदलाव किया. नशे में बेहोश मनीष को कार में ही गला घोंटकर हत्या कर दी गई. हत्या के लिए मफलर का इस्तेमाल किया गया.

शव नाले में फेंका गया

हत्या के बाद आरोपियों ने शव को ठिकाने लगाने के लिए बरेली कैंट क्षेत्र के एक नाले में फेंक दिया. जलकुंभी की वजह से शव नजर नहीं आया. कुछ दिनों बाद शव को जंगली जानवरों ने भी खा लिया, जिससे केवल कंकाल और खोपड़ी ही बरामद हो सकी.

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फिरौती की योजना पर फूटा भांडा

आरोपियों का इरादा हत्या के बाद मनीष के परिवार से फिरौती वसूलने का था. लेकिन कहानी का भांडा जल्द ही फूट गया. पुलिस को आरोपियों के फोन से कुछ कॉल रिकॉर्डिंग मिलीं, जिसमें कहा जा रहा था कि “रिचार्ज मत करो, कॉल मत करो, मामला गरम है.” इन रिकॉर्डिंग्स ने पुलिस को आरोपियों की लोकेशन और साजिश तक पहुंचा दिया.

जेल से छूटने के बाद बिगड़ी जिंदगी

ओमवीर हाल ही में जेल से छूटकर आया था. जमानत कराने में उसकी पूरी जमा-पूंजी खर्च हो चुकी थी. कोर्ट-कचहरी के चक्कर और आर्थिक तंगी के कारण वह मानसिक रूप से परेशान था. इसी के चलते उसने अपराध का रास्ता चुना.

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24 घंटे में पुलिस ने किया खुलासा

मनीष कश्यप के कंकाल मिलने के बाद बरेली पुलिस हरकत में आई और 24 घंटे के भीतर इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया. पुलिस ने ओमवीर और उसके मामा नन्हे कश्यप को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने घटना की पूरी जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से साझा की.

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