बिहार से बरेली आकर नसीमा बनी मीनाक्षी, मनोज से शादी के बाद सुनाई 3 तलाक-हलाला वाली दर्दनाक कहानी
बिहार की रहने वाली नसीमा खातून अब मीनाक्षी शर्मा बन गई है. युवती ने बिहार के पूर्णिया से बरेली आकर इस्लाम त्यागा और सनातन धर्म अपनाया. फिर अपना नाम नसीमा से बदलकर मीनाक्षी कर लिया.
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Bareilly: बिहार की रहने वाली नसीमा खातून अब मीनाक्षी शर्मा बन गई है. युवती ने बिहार के पूर्णिया से बरेली आकर इस्लाम त्यागा और सनातन धर्म अपनाया. फिर अपना नाम नसीमा से बदलकर मीनाक्षी कर लिया. इसके बाद युवती ने अपने प्रेमी मनोज से शादी कर ली. युवती का कहना है कि उसे उसके पति ने 6 महीने पहले तीन तलाक दे दिया था. तीन तलाक के बाद उसका पति उसपर हलाला का दबाव बनाने लगा. युवती की पहले पति से डेढ़ साल की बच्ची भी है.
नसीमा खातून बनी मीनाक्षी
नसीमा से मीनाक्षी बनी युवती की शादी बरेली के अगस्त मुनि आश्रम में हुई है. ये शादी पंडित के.के शंखधार ने करवाई है. युवती बिहार की रहने वाली है. सोशल मीडिया पर उसकी दोस्ती बरेली क्षेत्र के रहने वाले मनोज शर्मा से हो गई थी. दोनों के बीच सोशल मीडिया पर बात हुई, फिर दोस्ती हुई और दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया. तभी दोनों ने शादी करने का फैसला भी कर लिया.
पति ने दिया था तीन तलाक
नसीमा से मीनाक्षी बनी युवती का कहना है कि उसकी शादी मुस्लिम समाज के ही शख्स के साथ हुई थी. उसकी डेढ़ साल की बच्ची भी है. करीब 6 महीने पहले उसके पहले पति ने उसे तीन तलाक दे दिया. इसके बाद वह उसपर हलाला का दबाव भी बनाने लगा. मगर वह हलाला के लिए तैयार नहीं थी.
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युवती के मुताबिक, उसने हलाला का विरोध किया तो पति ने उसे घर से धक्के देकर बाहर निकाल दिया. वह अपने मायके में वापस आकर रहने लगी. इसी दौरान उसकी मुलाकात सोशल मीडिया पर मनोज शर्मा से हुई. युवती का कहना है कि उन दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया.
हिंदू धर्म अपनाया
पंडित के.के. शंखधार का कहना है कि ये लड़की तीन तलाक से पीड़ित है. इसपर हलाला का दवाब भी बन रहा था. इसने हिंदू धर्म में आस्था जताई है और हिंदू युवक से प्रेम विवाह किया है. अब इसका नाम नसीमा से मीनाक्षी हो गया है. के.के. शंखधार के मुताबिक, युवती ने हलाला से मना कर दिया था, इसलिए उसे उसके पति और ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया था. अब यहां दोनों की शादी हो गई है.
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शाहना बन गई थी शारदा
बता दें कि इससे पहले 14 फरवरी के दिन बुलंदशहर की रहने वाली शाहना ने भी बरेली में आकर हिंदू धर्म अपना लिया था. उसने अपना नाम शारदा रख लिया था और अपने प्रेमी ओमप्रकाश के साथ शादी रचा ली थी. शाहना से शारदा बनी युवती का कहना था कि उसके पति ने उसे तीन तलाक दे दिया था. इसके बाद उसका पति हलाला का दबाव बना रहा था. मगर उसे हलाला मंजूर नहीं था.
युवती ने बताया था कि, तलाक के बाद उसकी मुलाकात ओमप्रकाश से हुई थी. दोनों के बीच प्यार हो गया. इसलिए उसने इस्लाम त्याग, हिंदू धर्म अपनाकर अपने प्रेमी से शादी कर ली.
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