'धर्म परिवर्तन नहीं सामूहिक निकाह की परमिशन मांगी...' अब ये क्या बोले गए मौलाना तौकीर रजा?

कृष्ण गोपाल यादव

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 Maulana Tauqeer Raza
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 Maulana Tauqeer Raza News: बरेली में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा फिर एक बार चर्चा के केंद्र में हैं. इस बीच मौलाना ने अपने बयान को लेकर सफाई दी है. मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है. बकौल मौलाना, उन्होंने अपने बयान में साफ-साफ कहा था कि वह धर्म परिवर्तन के लिए नहीं बल्कि सामूहिक निकाह के लिए परमिशन मांग रहे हैं. मौलाना ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके लोगों को जानबूझकर परमिशन नहीं दी जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि अगर उन्हें निकाह कराने की परमिशन नहीं मिलती है, तो इसका कारण बताना होगा.

मीडिया से बात करते हुए मौलाना तौकीर रजा ने कहा, "हमने जो बयान दिया था वह गलत अंदाज में पेश किया गया है. मेरा वह बयान उठा कर देखिए रिकॉर्डिंग मौजूद है. मैंने उसमें क्लियर बात कही है कि जिनका निकाह किया जाना है, उन लोगों ने अपना धर्म परिवर्तन पहले कर लिया है. बस निकाह नहीं किया है. लिव इन में रह रहे हैं. मैं समझता हूं यह हिंदू और मुसलमान दोनों में खराब समझा जाता है, हराम समझा जाता है. ऐसे लोगों का 21 तारीख को इस्तीमाई निकाह कराया जाएगा. इसके लिए हमने परमिशन मांगी है. परमिशन हमें अभी तक नहीं मिली है.

 

 

उन्होंने आगे कहा, "मुझे परमिशन देने में गुरेज क्यों किया जा रहा है. यह मेरी समझ में नहीं आ रहा है. रात में मेरे लोगों को बुलाया गया. उन पर दबाव बनाया गया, उनसे झूठे वादे किए गए. हम 21 तारीख को कार्यक्रम करेंगे. अगर हमें परमिशन नहीं दी जाती है तो हमें पूछने का हक है कि हमें परमिशन देने में क्या दिक्कत है. बाकी लोग जो परमिशन नहीं मांगते हैं, वे कोई भी कार्यक्रम कर सकते हैं. किसी का भी धर्म परिवर्तन कर सकते हैं. कानून अपने हाथ में ले सकते हैं. उनके लिए कोई कानून नहीं है. हमें दुनिया को यह बताना है कि हिंदुस्तान में दो किस्म के कानून चल रहे हैं. एक कानून वो है जो मुसलमान का उत्पीड़न करता है, दूसरा कानून है जो गैर मुसलमानों को खुली छूट देता है."

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