गन्ना मंत्री ने अखिलेश-मायावती से की तुलना, बताया सरकार ने गन्ना किसानों के लिए क्या किया

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आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रविवार, 26 सितंबर को योगी सरकार ने राज्य में किसानों के लिए गन्ने के मूल्य में 25 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की घोषणा की. इसी को लेकर सोमवार को उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गन्ना और चीनी के क्षेत्र में योगी सरकार की अब तक की उपलब्धियों को गिनाया. इस रिपोर्ट में पढ़िए गन्ना मंत्री द्वारा कही गईं अहम बातों के बारे में.

अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में सुरेश राणा ने कहा कि जब योगी सरकार सत्ता में आई थी तब किसानों के बीच निराशा का माहौल था. उन्होंने आगे कहा कि सीएम योगी के निर्देश कर गन्ने का भुगतान और बंद चीनी मीलों का संचालन हो रहा है. बकौल राणा, प्रदेश के किसान आज सरकार के साथ कदम से कदम मिलकर चल रहे हैं.

राणा ने बताया कि बीएसपी सरकार के कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश में 21 चीनी मिलों को कम दामों पर बेच दिया गया था जबकि 19 चीनी मिल बंद कर दी गईं थी. उन्होंने बताया कि एसपी सरकार के दौरान 11 चीनी मिलें बंद की गईं. बकौल गन्ना मंत्री, 2017 में योगी सरकार के आने के बाद से यूपी में एक भी चीनी मिल बंद नहीं हुई है.

उन्होंने आकंड़े देते हुए बताया कि यूपी में साल 2016-17 में गन्ने की पैदावार 66 टन पर हेक्टेयर थी और मौजूदा वक्त में यह बढ़कर 81.5 टन पर हेक्टयर हो गई है. गन्ना मंत्री के मुताबिक, देश में गन्ने की सर्वाधिक पैदावार यूपी में है.

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उन्होंने आगे बताया कि एसपी सरकार के दौरान गन्ने की पेराई 2918 लाख टन हुई थी जबकि योगी सरकार के पहले चार साल में गन्ने की पेराई 4289 लाख टन की हुई है. राणा का दावा है कि योगी सरकार आने के बाद उत्तर प्रदेश में 8 लाख हेक्टेयर गन्ने का क्षेत्रफल बढ़ा है.

गन्ने के मूल्य में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की घोषणा को मंत्री सुरेश राणा ने अभूतपूर्व बताया है. इसके अलावा, उन्होंने बताया कि इस मूल्य वृद्धि से आगामी सत्र में गन्ना किसानों को लगभग 4000 करोड़ रुपए का फायदा होने वाला है.

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गन्ना मंत्री का दावा है कि कोरोना काल के दौरान पंजाब, महाराष्ट्र और राजस्थान की चीनी मिलें बंद हो गई थीं. उन्होंने बताया कि इस दौरान उत्तर प्रदेश की एक भी चीनी मिल बंद नहीं हुई. राणा के मुताबिक, सीएम योगी ने निर्देश दिया था कि जब तक किसान का आखिरी गन्ना खेत में है तब की मिलें बंद नहीं होनी चाहिए इसलिए यूपी में 23 जून, 2021 तक मिलें खुली रहीं.

राणा ने आंकड़े देते हुए बताया कि 2007-2012 तक यूपी में 52 हजार करोड़ रुपए और 2012 से 2017 तक 95 हजार करोड़ रुपए का गन्ना भुगतान हुआ था. उन्होंने बताया कि योगी सरकार ने अब तक 1 लाख 44 हजार करोड़ रुपए गन्ना भुगतान किया है.

उन्होंने बताया कि गन्ने के क्षेत्रफल, चीनी और एथनॉल के उत्पादन और गन्ना भुगतान के मामले में उत्तर प्रदेश आज देश में नंबर-1 है.

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