UP की वो सीट जहां 28 सालों से नहीं खिला है 'कमल', विस्तार से समझिए सीसामऊ का पूरा सियासी समीकरण

सरिता तिवारी

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Sisamau Vidhasabha Seat News: उत्तर प्रदेश में जल्द ही विधानसभा की 9 सीटों पर उपचुनाव होना है. बता दें कि जिन 9 सीटों पर उपचुनाव होगा, उनमें कानपुर की सीसामऊ सीट भी शामिल है. आपको इस सीट के बारे में एक तथ्य जानकर हैरानी होगी कि यहां पिछले 28 सालों से कमल नहीं खिला है, यानी भाजपा की यहां जीत नहीं हुई है. आखिरी बार 1996 में यहां कमल खिला था, तब भाजपा के प्रत्याशी राकेश सोनकर जीते थे. वहीं, पिछले 3 चुनावों में लगातार सपा विधायक इरफान सोलंकी जीतते आ रहे थे. अब आप इस खबर में आगे विस्तार से इस सीट का पूरा जातीय और सियासी समीकरण जानिए. साथ ही आप इस बात की जानकारी भी हासिल करिए कि इस सीट पर उपचुनाव में भाजपा की राह कठीन क्यों है?

क्यों खाली हुई सीसामऊ सीट?

 

दरअसल, 8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में एक महिला ने इरफान सोलंकी पर घर पर कब्जा करने की मंशा से आगजनी करने का मामला दर्ज कराया था. इसके बाद एमपी एमएलए कोर्ट ने 7 जून 2024 को इस मामले में सोलंकी को दोषी करार देते हुए उन्हें सात साल की सजा सुना दी, जिससे वो डिस्क्वलिफाई हो गए और उनकी विधायकी चली गई. 

 

 

इस सीट का कैसा है सियासी इतिहास? 

पिछले विधानसभा चुनाव 2022 में इस सीट से सपा प्रत्याशी इरफान सोलंकी ने जीत हासिल की थी. इरफान सोलंकी ने 69,163 वोट हासिल किए थे और भाजपा प्रत्याशी सलिल विश्नोई को 66,897 वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस के प्रत्याशी सुहेल अहमद 5,616 वोटों पर सिमट गए थे. साल 2017 और 2012 में भी इस सीट से सपा प्रत्याशी इरफान सोलंकी जीते ही थे. वहीं, साल 2007 और 2002 में कांग्रेस प्रत्याशी संजीव दरियाबादी जीते थे. इससे पहले 1996, 1993,1991 में लगातार बीजेपी के प्रत्याशी राकेश सोनकर यहां से जीते थे. मालूम हो कि 1985 में संजीव दरियाबादी की मां कमला भी यहां से चुनाव जीत चुकी हैं. मतलब तीन बार इस सीट पर कांग्रेस, तीन बार बीजेपी और तीन बार सपा जीत हासिल कर चुकी है.  

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उपचुनाव में सपा बसपा और बीजेपी से कौन प्रत्याशी मैदान में? 

 

इरफान सोलंकी के डिस्क्वलिफाइड होने के बाद सपा ने इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी को मैदान में उतारा है. वहीं, बसपा ने सीसामऊ सीट से वीरेंद्र शुक्ला को मैदान में उतार दिया है.वहीं, भाजपा ने अब तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. सूत्रों की मानें तो भाजपा के ओर से प्रस्तावित उम्मीदवारों में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर सुरेश अवस्थी, वैश्य बिरादरी से एमएलसी सलिल विश्नोई और महिला प्रत्याशी के तौर पर नीतू सिंह के नाम की भी चर्चा है. नीतू सिंह पूर्व सांसद सत्यदेव पचौरी की बेटी हैं. 

 

 

इस सीट का क्या है जातीय समीकरण? 

बता दें कि यहां कुल लगभग 2 लाख 70 हजार वोटर हैं. इनमें मुस्लिम करीब 1 लाख हैं और ब्राह्मण और अनुसूचित जाति के लगभग 60-60 हजार वोटर हैं. इस सीट पर मुस्लिम, ब्राह्मण और दलित वोटर मुख्य भूमिका निभाते हैं. सपा ने मुस्लिम कैंडिडेट नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, बसपा ने वीरेंद्र शुक्ला को और अब देखना होगा कि भाजपा क्या दाव चलती है. हालांकि, इस सीट पर चुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि 28 सालों से इस सीट पर कमल नहीं खिला है. बीते तीन बार से सपा यहां से जीत हासिल करती आ रही है. बता दें कि 9 सीटों पर उपचुनाव के लिए 13 नवम्बर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे सामने आएंगे. देखना होगा कि भाजपा वापसी कर पाती है या नहीं?

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