यूपी उपचुनाव: इरफान सोलंकी पर हाई कोर्ट ने सुना दिया ये फैसला तो 9 नहीं आठ सीट पर ही होंगे चुनाव

पंकज श्रीवास्तव

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Irfan Solanki
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Kanpur News: कानपुर की सीसामऊ सीट से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और एक अन्य आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी हो गई है. जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस सुरेंद्र सिंह (प्रथम) की डिवीजन बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. हाईकोर्ट का यह महत्वपूर्ण फैसला अगले हफ्ते आने की संभावना है. 

7 साल की सजा पर रोक और जमानत की अपील

 

आपको बता दें कि इरफान सोलंकी और उनके भाई पर आरोप है कि उन्होंने कानपुर की एक महिला का घर जलाने की साजिश रची थी. इसी मामले में एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 7 साल की सजा सुनाई थी. इस सजा को रोकने और जमानत दिए जाने की मांग करते हुए सोलंकी बंधुओं ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी. वहीं, यूपी सरकार ने अदालत से अनुरोध किया है कि इरफान सोलंकी और उनके भाई की 7 साल की सजा को बढ़ाकर उम्रकैद में तब्दील कर दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को प्राथमिकता देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट को 10 दिनों के भीतर अपील निपटाने का निर्देश दिया था. 

 

 

सजा पर रोक लगी तो विधानसभा सदस्यता होगी बहाल

अगर हाईकोर्ट से इरफान सोलंकी की सजा पर रोक लग जाती है, तो इसका सीधा असर उनकी विधानसभा सदस्यता पर पड़ेगा. सजा पर रोक लगने की स्थिति में उनकी सीसामऊ सीट पर हो रहे उपचुनाव को भी रोक दिया जाएगा. इससे समाजवादी पार्टी को बड़ी राहत मिल सकती है. 

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राजनीतिक और कानूनी दांव-पेच

इस मामले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. इरफान सोलंकी को लेकर समाजवादी पार्टी लगातार यूपी सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगा रही है. दूसरी ओर, सरकार का दावा है कि यह कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई कार्रवाई है. अब सभी की नजरें हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, जो अगले हफ्ते तक आ सकता है. 

 

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