परिजन देख रहे थे घर आने की राह, पर कैप्टन शुभम के बलिदान की आई खबर, जानें कहानी शहीद की

अरविंद शर्मा

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Agra News: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में आगरा के रहने वाले कैप्टन शुभम गुप्ता शहीद हो गए हैं. आतंकियों से सीधी मुठभेड़ के समय कैप्टन शुभम गुप्ता के साथ तीन और सैन्यकर्मी शहीद हुए हैं. कैप्टन शुभम गुप्ता के बलिदान की सूचना जैसे ही उनके घर पहुंची तो कोहराम मच गया. शहीद कैप्टन के पिता बसंत गुप्ता जिला शासकीय अधिवक्ता हैं. कैप्टन शुभम गुप्ता ने इसी सप्ताह घर आने की जानकारी अपने परिजनों को दी थी. शहीद के छोटे भाई ऋषभ गुप्ता और परिजन उनका घर आने का इंतजार कर रहे थे. कैप्टन शुभम गुप्ता तो घर नहीं आए लेकिन उनके शहीद होने की खबर जरूर घर आ गई है

शुभम के परिजन देख रहे थे उनकी शादी के सपने

जिस घर में शुभम गुप्ता के शादी की बातें चल रही थी, उनके सिर पर सेहरा सजाने के सपने देखे जा रहे थे, उस घर का माहौल मातम में बदल गया है. घर के अंदर से करुण क्रंदन की आवाज बाहर आ रही हैं. वैसे 6 महीने पहले शुभम गुप्ता अपने घर आए थे. पिता बसंत गुप्ता का घर ताज नगरी फेज 1 के प्रतीक एंक्लेव में है. कैप्टन शुभम गुप्ता 2015 में फौजी की ट्रेनिंग करने गए थे और 2018 में उन्हें कमीशन मिला था. कमीशन मिलने के बाद शुभम गुप्ता को 9 पैरा स्पेशल फोर्स में पोस्टिंग मिली थी.

दिवाली पर हुई थी शुभम की मां से बात

शुभम गुप्ता अपनी पढ़ाई के दौरान ही फौज में जाने का मन बना चुके थे. उन्होंने फौज में जाने का अपना लक्ष्य भी पा लिया था. शुभम गुप्ता को फौजी की वर्दी में देखकर माता-पिता और भाई का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता था. सबको लगता था उनका बेटा, भाई दुनिया की सर्वोच्च सेना में गिनती रखने वाली 9 पैरा स्पेशल फोर्स में देश की सेवा कर रहा है. दिवाली के मौके पर वीडियो कॉल के जरिए मां की बात कैप्टन शुभम गुप्ता से हुई थी.

कैप्टन शुभम गुप्ता के बलिदान की खबर आगरा में आने के बाद उनके घर पर स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारत सरकार एसपी सिंह बघेल, फतेहपुर सीकरी से सांसद और भाजपा किसान मर से की राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर, उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल और विजय शिवहरे के अलावा अनगिनत लोग दुख की घड़ी में शामिल होने के लिए रात में ही पहुंच गए थे. आगरा के लोगों को अब शहीद कैप्टन के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार है।

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