आजम खान के समधी की फैक्ट्री पर GST टीम की छापेमारी, जांच में पकड़ी गई करोड़ों की चोरी

जगत गौतम

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद (Moradabad News) में सापा नेता आज़म खान (Azam Khan) के समधी हाजी रिजवान की फैक्ट्री पर सोमवार शाम जीएसटी विभाग की छापेमारी की कार्रवाई हुई है. जिसमें लगभग चार गाड़ियों में जीएसटी विभाग की टीम स्थानीय पुलिस के साथ यूनिवर्सल आर्क एंटरप्राइजेज पर पहुंची और छापेमारी की. फैक्ट्री स्वामी हाजी रिजवान का कहना है कि, ‘टीम सिर्फ सर्वे करने आई है. हर तीन-चार महीने में सर्वे करने आते रहते हैं.’

वही जीएसटी के एडिशनल कमिश्नर का कहना है कि, ‘दो GST टीम द्वारा इनके यह रेड की गई तो फर्जी ITC क्लेम करने के मामला सामने आया है. जिसमें से कुछ धनराशि मौके से वसूल कर ली गई है. बाकी 15 दिन का समय दिया गया है.’

GST टीम की छापेमारी

बता दें कि कटघर कोतवाली इलाके के रामपुर रोड पर ग्राम भैंसिया में हाजी रिजवान खान की यूनिवर्सल आर्क एंटरप्राइजेज नाम से फर्म है, जो कि सपा नेता आज़म खान के समाधि भी हैं. उनके यहां सोमवार को 5 बजे से करीब 8 बजे तक जीएसटी की टीम ने फर्म अंदर छापेमारी की. रेड पूरी करने के बाद अधिकारियों ने फर्म के अंदर ही अपनी सरकारी गाड़ियां बुलाई और उस पर बैठकर तेजी से गेट के बाहर से गाड़ियां निकालते हुए रवाना हो गए.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

जांच में पकड़ी गई करोड़ों की चोरी

वहीं अरुण कुमार पुलिसकर्मी से बाहर निकलते हुए जब बातचीत की तो उसने सिर्फ यही बताया कि जीएसटी विभाग द्वारा फैक्ट्री में छापेमारी की है. वहीं फर्म स्वामी हाजी रिजवान का कहना है कि रूटिंग सर्वे किया गया है और सिर्फ कुछ पूछताछ की गई है. वहीं जब जीएसटी विभाग के द्वारा छापेमारी पूरी कर ली गई.

तब एडिशनल कमिश्नर कमलेश्वर प्रसाद वर्मा ने यूपीतक को बताया कि, ‘हमारी 2 टीम द्वारा यूनिवर्सल आर्क एंटरप्राइजेज में छापेमारी की गई है. जिसमें पाया गया इन्होंने द्वारा फर्जी इनवॉइस के जरिए फर्जी ITC (INPUT TAX CREDIT)क्लेम लिया गया था. जांच में क्लेम फर्जी पाया गया. जिसकी धनराशि 2 करोड़ 75 लाख रुपए थी. जिसमें से एक्सपोर्टर द्वारा अपनी गलती मानते हुए 46 लाख 67 हजार रुपए मौके पर जमा कर दिए हैं. बाकी जीएसटी विभाग ने फर्म के स्वामी को 15 दिन का समय धनराशि जमा करने का दिया है. जिसपर इंटरेस्ट और पेनाल्टी जीएसटी विभाग द्वारा लगाई जा सकती है.’

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT