आजम खान से जुड़ी मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी पर हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया. पिछले दिनों हाई कोर्ट से मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को झटका लगा था. हाई कोर्ट ने ट्रस्ट की उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें एडीएम वित्त द्वारा अधिग्रहित जमीन ट्रस्ट से वापस लेने का आदेश का विरोध किया गया था. हाई कोर्ट ने एडीएम वित्त के अतिरिक्त अधिग्रहण वापस लेने के आदेश को वैध करार दिया था. इसके बाद तहसीलदार सदर ने जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचकर भूमि पर कब्जा लेने की कार्रवाई की.
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तहसीलदार ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से जमीन का कब्जा सरकार के हाथ में लिए जाने की नोटिस रिसीव करने को कहा. तहसीलदार के मुताबिक वाइस चांसलर ने ऐसा करने से इंकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने नियमों के हिसाब से 2 गवाहों की मौजूदगी में जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकारी कब्जे की कार्रवाई पूरी की.
तहसीलदार सदर प्रमोद कुमार ने बताया एडीएम प्रशासन के आदेश के अनुसार 70 हेक्टेयर यानी लगभग 14 सौ बीघा जमीन को सरकारी कब्जे में लेने की कार्रवाई की गई है. तहसीलदार के मुताबिक अपर जिलाधिकारी ने 70 हेक्टेयर भूमि को राज्य सरकार में निहित करने का आदेश दिया था. ट्रस्ट इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में गया था. हाई कोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया, तो प्रशासन ने जमीन सरकारी कब्जे में लेने की कार्रवाई पूरी की.
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