UP News: चर्चित IAS अधिकारी अभिषेक सिंह (Abhishek Singh) को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. बता दें कि अभिषेक सिंह ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया है. अभिषेक सिंह चर्चित आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल (Durga Shakti Nagpal) के पति हैं. दुर्गा शक्ति नागपाल इस समय यूपी के बांदा में जिलाधिकारी के पद पर तैनात हैं.
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अभिषेक सिंह के इस्तीफे के बाद एक बार फिर IAS अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का नाम सुर्खियों में आ गया है. भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल अपने दबंग अंदाज और खनन माफियाओं के खिलाफ अपने सख्त एक्शन को लेकर जानी जाती हैं. मगर एक बार दुर्गा शक्ति नागपाल को लेकर उत्तर प्रदेश की सियासत में हड़कंप भी मच गया था और रातों रात दुर्गा शक्ति नागपाल का नाम देश भर में चर्चाओं में आ गया था.
जब दुर्गा शक्ति नागपाल ने गिरवा दी थी निर्माणाधीन मस्जिद
दरअसल ये पूरा मामला साल 2013 का है. उत्तर प्रदेश में तब समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे. उस समय दुर्गा शक्ति नागपाल गौतमबुद्ध नगर (सदर) के एसडीएम पर पर तैनात थी. उस समय दुर्गा शक्ति नागपाल क्षेत्र में खनन माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही थीं और अपने सख्त एक्शनों की वजह से वह लगातार सुर्खियों में बनी हुई थीं. उनके इन कदमों ने खनन माफियाओं में हड़कंप मचा कर रख दिया था.
इसी दौरान दुर्गा शक्ति नागपाल ने एक गांव में बन रही मस्जिद को गिराने का फैसला किया. उनके आदेश पर निर्माणधीन मस्जिद गिरा दी गई. दरअसल मस्जिद की दीवार बनाते समय नियम कानून का पालन नहीं किया गया था. इसे देखते हुए दुर्गा शक्ति नागपाल ने उस मस्जिद को गिरवा दिया. इसके बाद हड़कंप मच गया था.
अखिलेश सरकार ने लिया था सख्त एक्शन
बता दें कि निर्माणधीन मस्जिद गिराए जाने पर उस वक्त की सपा सरकार ने दुर्गा शक्ति नागपाल पर सख्त एक्शन लिया था. सपा सरकार ने दुर्गा शक्ति नागपाल को निलंबित कर दिया था. सपा सरकार का तर्क था कि मस्जिद गिराने के आदेश में नियम और कानून का पालन नहीं किया गया. सरकार का ये भी तर्क था कि दुर्गा शक्ति नागपाल के इस कदम से साम्प्रदायिक सौहार्द भी खतरे में पड़ सकता था. अखिलेश सरकार ने दुर्गा शक्ति नागपाल को निलंबित कर दिया था.
यूपी समेत देश भर में घिरी अखिलेश सरकार
इस फैसले के बाद अखिलेश सरकार पर विपक्ष हमलावर हो गया था. यहां तक की आईएएस एसोसिएशन ने भी अखिलेश सरकार के इस कदम की निंदा की थी. विपक्षी दल भी इसको लेकर हमलावर थे और भाजपा ने अखिलेश सरकार के ऊपर तुष्टीकरण का आरोप लगाया था.
फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दुर्गा शक्ति नागपाल से मुलाकात की थी. नागपाल ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रखी और मामले की जानकारी दी. इसके बाद दुर्गा शक्ति नागपाल का निलंबन वापस ले लिया गया था.
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