केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की एक अदालत में आवेदन दायर किया है. अदालत में दायर सीबीआई के आवेदन के अनुसार, “तीनों आरोपियों आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी ने पुलिस हिरासत के दौरान घटना से संबंधित कई घटनाओं को छुपाया है.”
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सीबीआई ने दायर आवेदन में कहा है, “महंत नरेंद्र गिरि की मौत के पीछे की सच्चाई उजागर करने के लिए इन तीन आरोपियों से वैज्ञानिक पद्धति के जरिए पूछताछ जरूरी है, जिससे इनके बयानों की सत्यता निर्धारित हो सके.”
सीबीआई ने कहा है कि अगर अदालत पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति देती है तो नई दिल्ली से केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञ परीक्षण करने के लिए नैनी केंद्रीय जेल का दौरा करेंगे. कोर्ट अब इस मामले में 18 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान फैसला करेगी.
आपको बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर को मृत पाए गए थे. उनका शव प्रयागराज के बाघंबरी मठ में उनके कमरे में मिला था.
पुलिस को मिले नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट में क्या लिखा था?
बता दें कि इस मामले में सामने आए नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट में फोटो वाली बात का जिक्र था. इसमें लिखा था, ”मैं महंत नरेंद्र गिरि वैसे तो 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था, लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया. आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक दो दिन में आनंद गिरि कम्प्यूटर से, मोबाइल से किसी लड़की या महिला के (साथ) गलत काम करते हुए मेरी फोटो लगाकर फोटो वायरल कर देगा, मैंने सोचा कहां तक सफाई दूंगा, एक बार तो बदनाम हो जाऊंगा. मैं जिस पद पर हूं वो गरिमा वाला पद है. सच्चाई (का) तो लोगों को बाद में (पता) चल जाएगा, लेकिन मैं तो बदनाम हो जाऊंगा, इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं. जिसकी जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी एवं उनके लड़के संदीप तिवारी की होगी.”
बता दें कि तीनों आरोपियों आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को प्रयागराज की जॉर्ज टाउन पुलिस ने 21 सितंबर को गिरफ्तार किया था. उत्तर प्रदेश की नैनी जेल में बंद तीनों आरोपियों से सीबीआई अधिकारियों ने कई बार पूछताछ की है.
नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी के रूप में बलवीर गिरि संभालेंगे बाघंबरी मठ: कैलाशानंद
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