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मकर संक्रांति का पर्व इस बार 15 जनवरी को मनाया जाएगा.
BHU के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर सुभाष पांडे ने इसके पीछे का कारण बताया.
उनके अनुसार 14 तारीख की देर रात लगभग 3:00 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा.
इस लिहाज से मकर संक्रांति का पूर्ण काल अगले दिन 15 जनवरी सूर्योदय के साथ ही लगेगा.
मकर संक्रांति पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं का मेला विभिन्न नदियों के घाटों पर लगता है.
मकर संक्रांति के दिन तिल खिचड़ी का दान का विशेष महत्व होता है.
मकर संक्रांति के दिन काले तिल के पानी से स्नान करना बेहद ही शुभ माना जाता है.
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