Kanwar Yatra Nameplate Controversy : सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को योगी आदित्यनाथ सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें कांवड़ रूट पर आने वाले होटलों और ढाबों पर उनके मालिकों के नाम लिखवाए जा रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार के अलावा उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर उनसे भी जवाब मांगा है. पिछले कुछ दिनों से यूपी पुलिस मुजफ्फरनगर समेत पश्चिमी यूपी के तमाम हिस्सों में प्रदेश सरकार के इस निर्देश का पालन कराती नजर आ रही थी. कई होटल और ढाबा मालिकों को अपना नाम बदलना पड़ा था. योगी सरकार ने इस फैसले को पूरे प्रदेश के लिए लागू कर दिया था लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इसपर अंतरिम रोक ही लगा दिया है.
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कांवड़ यात्रा रूट के होटलों-ढाबों पर नेम प्लेट लगाने के मामले के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ, इसे जानने के लिए Kanwar Yatra Nameplate controversy पर क्लिक कर विस्तार से पढ़ें.
योगी सरकार के फैसले को लगा झटका
आपको बता दें कि यूपी सरकार के इस फैसले के खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. 20 जुलाई को दाखिल याचिका में एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट से इस आदेश को रद्द करने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में 26 जुलाई को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि होटल और ढाबा संचालकों को मालिकों, स्टाफ और कर्मचारियों के नाम का डिस्प्ले करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है.
याचिकाकर्ताओं के लिए जिरह करते हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि, भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए ‘‘परोक्ष’’ आदेश पारित किए गए हैं. उन्होंने आगे कहा, 'भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने संबंधी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड का आदेश ‘‘पहचान के आधार पर बहिष्कार’’ है, यह संविधान के खिलाफ है.'
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