UP Weather Forecast: उत्तर प्रदेश में इस बार कम ठंड पड़ेगी या ज्यादा इसे लेकर लोगों के मन में सवाल बना हुआ है. ऐसे में आपको बता दें कि इसी बात को लेकर भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने विशेष भविष्यवाणी की है. IMD के अनुमान के मुताबिक, इस बार यूपी में सामान्य से ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना है. अक्टूबर के अंत तक हल्की ठंड महसूस हो सकती. नवंबर के अंत से ही ठंड का असर दिखना शुरू हो जाएगा, जबकि दिसंबर और जनवरी के महीने में ठंड अपने चरम पर हो सकती है. अब आप खबर में आगे उन कारणों को तफ्सील से जानिए, जिनकी वजह से यूपी में इस बार ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना है.
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1. ला नीना का प्रभाव:
ला नीना वह मौसम प्रणाली है जो ठंड को नियंत्रित करती है. हाल के वर्षों में, ला नीना प्रभाव के कारण सर्दियों में ठंड कम रही, लेकिन इसके अंत के साथ ठंड के बढ़ने की संभावना है. जब ला नीना समाप्त होता है, तो ठंडे मौसम के दौरान ठंडी हवाओं और कोल्ड वेव्स की संभावना बढ़ जाती है.
2. पश्चिमी विक्षोभ:
उत्तर भारत में ठंड के बढ़ने के पीछे मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ होते हैं, जो हिमालय से होकर आते हैं और तापमान में गिरावट लाते हैं. अगर इस बार पश्चिमी विक्षोभ अधिक सक्रिय होते हैं, तो ठंड और कोहरे में बढ़ोतरी हो सकती है. इन विक्षोभों के कारण उत्तर प्रदेश में शीतलहर चलने की संभावना रहती है, जिससे तापमान में तेज गिरावट देखी जा सकती है.
3. ग्लोबल वार्मिंग का उल्टा प्रभाव:
हालांकि ग्लोबल वार्मिंग के कारण दीर्घकालिक तापमान वृद्धि देखी गई है, लेकिन इसका स्थानीय मौसम पर उल्टा प्रभाव हो सकता है. ग्लोबल वार्मिंग के चलते सर्दी के समय में अत्यधिक ठंड के अचानक एपिसोड्स (cold snaps) हो सकते हैं. इसका कारण यह है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में अस्थिरता बढ़ जाती है, जिससे अचानक ठंड की घटनाएं हो सकती हैं.
4. स्थानीय जलवायु:
उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानीय कारक भी ठंड को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे हवा की दिशा, आर्द्रता और क्षेत्रीय परिसंचरण. शहरीकरण और वनस्पति में कमी के चलते ठंड का अनुभव भी प्रभावित होता है, खासकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच.
कुल मिलाकर, अगर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहते हैं और ला नीना का प्रभाव कम होता है, तो यूपी में इस बार ठंड अधिक पड़ने की संभावना है.
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