उत्तर प्रदेश में इसी साल नवंबर के अंत में नगर निकाय के चुनाव प्रस्तावित हैं. ऐसे मे इन चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. चुनाव को लेकर एक तरफ संभावित दावेदार अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं तो वहीं दूसरी तरफ चुनाव आयोग और जिला प्रशासन भी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है.
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इधर मतदाताओं के वोटर लिस्ट फाइनल करने का काम चल रहा है तो उधर निकाय चुनाव के लिए यूपी सरकार ने वार्डों के आरक्षण का फार्मूला तय कर दिया है. यूपी सरकार की तरफ से जिला प्रशासन को वार्डों के आरक्षण तय करने के निर्देश दिए चा चुके हैं.
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वार्डों के आरक्षण तय करने की जानकारी 4 नवंबर तक नगर विकास विभाग के अनुभाग-1 में एक पेनड्राइव में सॉफ्ट कॉपी के रूप में उपलब्ध कराना होगा.
यूपी सरकार की तरफ से जारी आरक्षण फार्मूले के मुताबिक, सबसे पहले अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित होंगी. इसके बाद इसी वर्ग के पुरुषों के लिए श्रेणीवार सीटें आरक्षित की जाएंगी. फिर वार्डों को अनारक्षित कर दिया जाएगा. आरक्षण का निर्धारण करने के दौरान रोटेशन प्रक्रिया का भी पालन किया जाएगा.
इसके अलावा साल 2017 में हुए निकाय चुनाव के बाद प्रदेश में बनाए गए नए निकाय और सीमा विस्तारित निकायों में भी आरक्षण तय होगा. बता दें कि इन निकायों के वार्डों का परिसीमन साल 2011 की जनगणना के आधार पर करने का निर्देश शासन की तरफ से दिया गया था.
नए और सीमा विस्तारित वाले निकायों में 50 फीसदी से अधिक जनसंख्या बढ़ने पर उसमें आने वाले वार्डों का आरक्षण नया मानते हुए करने का निर्देश सरकार ने दिया है.
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