माफिया डॉन अतीक अहमद की पुलिस अभिरक्षा के दौरान हत्या कर दी गई. अतीक अहमद की हत्या के बाद सभी की जुबान पर मुख्तार अंसारी का नाम आने लगा. एक समय था जब अतीक की तरह मुख्तार अंसारी की भी प्रदेश में तूती बोलती थी. बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी पर कई गंभीर केस दर्ज हुए. मगर कार्रवाई के नाम पर खानापुर्ती होती रही, लेकिन अब मुख्तार जेल में बंद है. कुछ समय पहले तक तो हालत ऐसे थे कि मुख्तार अंसारी पंजाब की जेल से निकलकर यूपी की जेल में आने से भी डर रहा था.
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अब मुख्तार अंसारी के समर्थकों ने शक जताया है कि मुख्तार अंसारी के साथ यूपी की जेल में कुछ भी हो सकता है. अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर और अतीक की हत्या के बाद मुख्तार के समर्थकों को मुख्तार अंसारी की सुरक्षा की चिंता होने लगी है. इसी को लेकर हमारे सहयोगी The Lallantop ने यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश से खास बातचीत की. इस दौरान यूपी एसटीएफ के अधिकारी अमिताभ यश ने मुख्तार अंसारी को लेकर अहम बात कही. उन्होंने बताया कि मुख्तार अंसारी ने उत्तर प्रदेश में आने से बचने के लिए हर कोशिश की. मगर उसकी सभी कोशिश नाकाम हो गईं.
अमिताभ यश ने कहा कि हमारे यहां मुख्तार के खिलाफ कोर्ट ट्रायल चल रहे हैं. कोर्ट कार्रवाई में तेजी लाने के लिए यहां मुख्तार की पेशी होनी थी. मगर मुख्तार हर बार किसी न किसी बहाने से यूपी में आने से बच रहा था. यहां तक की मुख्तार अंसारी ने मेडिकल का भी सहारा लिया और उत्तर प्रदेश में आने से बचता गया.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुख्तार को लाया गया यूपी
एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने मुख्तार अंसारी को लेकर कहा कि मुख्तार अंसारी ने यूपी में न आने की हर कोशिश की. मगर फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आखिरकार मुख्तार अंसारी को यूपी लाया गया.
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बांदा आते ही व्हीलचेयर छोड़ पैदल चलने लगा
इस दौरान अमिताभ यश ने बताया कि जब मुख्तार को पंजाब से यूपी लाया गया था तब गाड़ी में वह व्हीलचेयर पर चढ़ा. मगर जैसे ही सफर के बाद वह यूपी की बांदा जेल में पहुंचा तो आराम से खड़े होकर जेल के अंदर चला गया. इस तरह का ड्रामा कोई भी समझ सकता है. मुख्तार को बांदा लाया गया है. अब उसपर ट्रायल चल रहा है.
आगे क्या होगा
अमिताभ यश ने कहा कि मुख्तार को कई मामलों में या तो सजा हो चुकी है या कई मामलों में मुख्तार सजा के काफी करीब है. कई केस में मुख्तार के ऊपर चल रहे ट्रायल पूरे भी हो गए हैं. अगर मुख्तार को यहां नहीं लाया गया होता तो यह ट्रायल कभी पूरे नहीं हुए होते. हाल ही में मुख्तार को गैंगस्टर एक्ट में 10 साल की सजा हुई है. इसके साथ ही जेलर को धमकाने और उनपर पिस्टल लगाने के लिए 7 साल की सजा हाईकोर्ट ने सुनाई है. अभी तो मुख्तार को कई गंभीर मामलों में सजा होना बाकी है.
एसटीएफ अधिकारी ने ये भी कहा कि अगर मुख्तार को यहां नहीं लाया गया होता तो मुख्तार को सजा मिलना संभव नहीं होता.
इस दौरान एसटीएफ के अधिकारी अमिताभ यश ने अवधेश राय हत्याकांड का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अवधेश राय हत्याकांड के 32 साल हो चुके हैं. मगर केस का ट्रायल अभी तक पूरा नहीं हुआ है. इस तरह के केसों के ट्रायल पूरे न हो इसके लिए मुख्तार अंसारी पंजाब जेल शिफ्ट हो गया. मगर अब सभी एजेंसियां लगी हुई हैं कि जल्द से जल्द सभी मामलों के ट्रायल पूरे किए जाए.
आपको बता दें कि अमिताभ यश यूपी एसटीएफ के चर्चित अधिकारी रहे हैं. योगी सरकार में एसटीएफ जिस तरह से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, उसके पीछे तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी अमिताभ यश का हाथ माना जाता है.
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