'हम लोगों को पहले से ही विश्वास था यशस्वी में कुछ खास था. हम लोगों ने प्लान भी किया, हम लोग उसे मुंबई ले गए. वाहन ट्रेनिंग प्रोवाइड की गई और यह करवा आगे बढ़ा. अब रिजल्ट आप लोगों के सामने है'...यह सब कहना है कि इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में धुंआधार दोहरा शतक लगाने वाले सलामी बल्लेबाज़ यशस्वी जायसवाल के बचपन के कोच आरिफ हुसैन का. महज सात वर्ष के यशस्वी जायसवाल को क्रिकेट की बारीकियां कोच आरिफ हुसैन ने अपने एकेडमी में सिखाई.
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बचपन के कोच ने बताई संघर्ष की कहानी
बता दें कि यशस्वी जायसवाल भदोही जिले के सुरियावां के रहने वाले हैं और सुरियावां में ही क्रिकेट खिलाड़ी आरिफ हुसैन एक क्रिकेट एकेडमी संचालित करते हैं. आरिफ बताते हैं कि, जब यशस्वी सात वर्ष के थे तब वो एकेडमी में सीखने आए थे. एकेडमी की टीम की तरफ से पूरे पूर्वांचल में होने वाले क्रिकेट प्रतियोगिताओं में खेलने जाते थे. बहुत कम समय में ही वो बड़े उम्र के खिलाड़ियों के साथ खेलने लगे और कई बार ऐसा हुआ की हारती हुई टीम को यशस्वी ने जीत दिलाई.' अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उम्दा प्रदर्शन कर रहे यशस्वी को देख उनके गुरु आरिफ हुसैन गदगद हैं और वो मानते हैं की यशस्वी के आगे बढ़ने में भदोही से लेकर मुंबई तक खेल प्रेमियों का काफी सहयोग रहा.
लोगों ने किया काफी सहयोग
आरीफ आगे बताते हैं कि, 'यशस्वी ने बहुत संघर्ष किया और इसमें भदोही के लोगों ने भी बहुत सहयोग किया. इन्हीं लोगों के सहयोग से ही यशस्वी जैसा हीरा चमक रहा है. देश दुनिया में बहुत सारे लोगों का योगदान है. यशस्वी काफी लड़ाकू टाइप का लड़का है जो जिसके अंदर कोई डर नहीं है. वह जो पुल शॉट मरता है उसे हम खानदानी शॉट बोलते थे क्योंकि यशस्वी का बड़ा भाई तेजस्वी भी बहुत शानदार खिलाड़ी है. उम्मीद है कि आने वाले समय में वह भी मुकाम हासिल करेगा.'
इंग्लैंड के बॉलर्स को जमकर धो रहे हैं यशस्वी
भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज में यशस्वी जायसवाल ने गजब का प्रदर्शन किया है. हैदराबाद टेस्ट की पहली पारी में शतक बनाने से चूके इस बैटर ने विशाखापत्तनम में पहली पारी में डबल सेंचुरी ठोकी और फिर राजकोट टेस्ट की दूसरी पारी में भी दोहरा शतक जमाया. इसी के साथ यशस्वी जायसवाल इंग्लैंड के खिलाफ लगातार दो टेस्ट मैच में डबल सेंचुरी जमाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं.
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