Uttar Pradesh News : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को एक बड़ा एलान किया. उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद को राजनीति वारिस के पद से हटा दिया है, साथ ही उन्हें अपरिपक्व करार दिया है. बसपा प्रमुख के इस फैसले पर अब अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने मायावती के फैसले को बसपा का आंतरिक मामला करार दिया है, लेकिन सपा प्रमुख ने बसपा में हो रहे फेरबदल को लेकर क्या वजह है उसका जिक्र किया. उनका दावा है कि लोकसभा चुनाव में मायावती को एक भी सीट नहीं मिलने वाली है.
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अखिलेश ने कह दी बड़ी बात
अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि, 'बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी क़दम उठाया है वो उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है. दरअसल इसके पीछे असली कारण ये है कि बसपा की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है क्योंकि बसपा के अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं.' उन्होंने आगे कहा कि, इस बात को बसपा अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है. इसीलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेर-बदल कर रहा है लेकिन अब बाज़ी बसपा के हाथ से निकल चुकी है. सच तो ये है कि जब बसपा का प्रभाव क्षेत्र होते हुए भी पिछले तीन चरणों में उनकी एक भी सीट नहीं आ रही है तो फिर बाकी के चार चरणों में तो कोई संभावना बचती ही नहीं है.'
सपा प्रमुख ने किया ये अपील
सपा प्रमुख ने कहा कि, 'ऐसे में हम सभी वोटरों से अपील करते हैं कि आप अपना वोट ख़राब न करें और जो बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जी के संविधान को बचाने के लिए सामने से लड़ रहे हैं, इंडिया गठबंधन के उन प्रत्याशियों को वोट देकर जिताएं और संविधान के संग, आरक्षण भी बचाएं. इसीलिए आग्रह है कि संविधान, आरक्षण और अपना मान-सम्मान बचाना है तो अपना वोट सपा को दें या जहाँ इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी हो वहाँ डालकर संविधान और आरक्षण विरोधी भाजपा को हराएं.'
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