Amethi Lok Sabha Seat: उत्तर प्रदेश की सबसे हॉट सीट में से एक अमेठी लोकसभा सीट पर आज मतदान हो गया. अमेठी का किला जीतने के लिए कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी. दूसरी तरफ स्मृति ईरानी समेत भाजपा भी अमेठी का किला बचाएं रखने के लिए अमेठी की धरती पर उतरी हुई थीं. दरअसल जब से साल 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अमेठी से हराया है, तभी से ये सीट भाजपा और कांग्रेस के लिए अहम सीट बन गई है. कांग्रेस अपनी इस परंपरागत सीट को वापस पाना चाहती है तो भाजपा अमेठी में फिर से कांग्रेस को हराकर कांग्रेस का विश्वास तोड़ना चाहती है. कांग्रेस ने इस बार गांधी परिवार के करीबी के.एल शर्मा को अमेठी से टिकट दिया था.
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इसी बीच आज अमेठी में मतदान के बाद UP Tak ने अमेठी के पत्रकारों से बात की. UP Tak ने अमेठी के पत्रकारों से जानने की कोशिश की कि आखिर अमेठी में क्या होने वाला है? अमेठी की जनता का मन क्या है? अमेठी में स्मृति फिर से इतिहास रचने जा रही हैं या इस बार कांग्रेस गांधी परिवार की इस परंपरागत सीट को वापस हासिल करने जा रही है? इस दौरान अमेठी के पत्रकारों ने अपने जवाबों से हैरानी में डाल दिया है.
क्या बोले अमेठी के पत्रकार?
UP Tak से बात करते हुए पत्रकार माताप्रसाद शुक्ला ने कहा, यहां अमेठी काफी कांटे की टक्कर है. यहां का परिणाम कुछ भी हो सकता है. दोनों पार्टी में सीधी टक्कर थी. यहां गांधी परिवार की वजह से चुनाव रोचक बना. केएल शर्मा का असर नहीं था. जो भी था, गांधी परिवार का असर था.
पत्रकार रमाशंकर शुक्ला ने कहा, अमेठी का चुनाव काफी कांटे का है. गांधी परिवार के आने से यहां टक्कर हो गई है. यहां कुछ भी हो सकता है. दोनों में से किसी को भी जीत मिल सकती है.
भाजपा-कांग्रेस में कांटे की टक्कर रही
पत्रकार अमरीश मिश्रा ने बताया, इस बार अमेठी के लोगों में वोटिंग को लेकर उत्साह था. यहां पर कांग्रेस के उम्मीदवार का ऐलान काफी देर से किया गया. ऐसे में यहां के लोगों में कांग्रेस उम्मीदवार को लेकर जिज्ञासा रही. अमेठी का परिणाम क्या होगा, ये कहना मुश्किल है. यहां सीधी लड़ाई भाजपा-कांग्रेस के बीच है. मगर यहां प्रियंका गांधी और राहुल गांधी भी बराबर आते रहे. गांधी परिवार का असर यहां आज भी दिखाई दिया.
पत्रकार श्रीनाथ शुक्ला ने बताया, अमेठी की जनता सीधा प्रधानमंत्री और राहुल गांधी से जोड़कर देखा गया. यहां 60 प्रतिशत कांग्रेस जीत सकती है तो वहीं 40 प्रतिशत भाजपा जीत सकती है. ये अनुमान है. यहां कांटे की टक्कर है.
(अक्षय कुमार त्रिपाठी के इनपुट के साथ)
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