Akhilesh Yadav News: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में वैसे तो कई लोकसभा सीटें हैं, मगर इन दिनों जौनपुर सीट सुर्खियों में है. चर्चा होने का कारण जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह हैं. दरअसल, चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद धनंजय सिंह ने जौनपुर से चुनाव लड़ने की बात कही. फिर चर्चा यह चली कि वो कौनसी पार्टी से चुनाव लड़ेंगे. अटकलें लगाई गईं कि उन्होंने सपा से टिकट की मांग की, पर उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया गया. इस बीच धनंजय सिंह को जेल हो गई और इसी दौरान बसपा ने उनकी पत्नी श्रीकला को टिकट दे दिया. जब धंनजय जमानत पर बाहर आए तो बसपा ने श्रीकला का टिकट काट दिया. और धनंजय सिंह ने फिर भाजपा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया. अब इस पूरे घटनाक्रम पर सपा चीफ अखिलेश यादव ने धनंजय सिंह का नाम लिए बिना तंज के तीर चलाए हैं. जानें उन्होंने क्या-क्या कहा?
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एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने धनंजय सिंह का नाम लिए बिना कहा, "ये भाजपा और सपा वाले अंदर ही अंदर हाथ मिलाए हुए हैं...मैंने ये सुना है कि कोई यह कह रहा था कि आपसे उन्होंने टिकट मांग ली थी बारात में इसलिए उन्हें जेल जाना पड़ा. जेल गया कोई और फिर जेल से बाहर आकर क्या हो रहा है? बताओ ये खेल हमें समझ में नहीं आता क्या. इसलिए मैंने कहा कि बहुत सारे लोगों ने अंदर ही अंदर हाथ मिला रखा है."
क्या है धनंजय सिंह और अखिलेश की मुलाकात की कहानी?
आपको बता दें कि 2 मार्च की शाम सत्ताधारी भाजपा ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपने 195 उम्मीदवारों की सूची जारी की. जदयू के NDA अलायंस में आने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में धनंजय सिंह जौनपुर सीट पर दावेदारी पेश कर रहे थे. मगर उन्हें सफलता नहीं मिली, क्योंकि भाजपा ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपा शंकर सिंह को जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बना दिया. इसके कुछ ही देर बाद धनंजय ने भी जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने का इरादा जताया. उन्होंने दो मार्च को 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में कहा था, "साथियों! तैयार रहिए...लक्ष्य बस एक लोकसभा 73, जौनपुर."
फिर 4 मार्च को हुई थी धनंजय की अखिलेश से मुलाकात
बता दें कि लखनऊ में 4 मार्च को धनंजय सिंह की एक शादी समारोह में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से सार्थक मुलाकात भी हुई थी. सियासी गलियारों में यह चर्चा हुई कि अखिलेश से मुलाकात के वक्त धनंजय ने उनसे जौनपुर से टिकट की मांग. हालांकि इसी मुलाकात के बाद धनंजय सिंह को अपहरण और रंगदारी के मामले में 7 साल की सजा हो गई. फिर ऐसा कहा गया कि धनंजय ने अखिलेश से टिकट मांगा इसलिए उन्हें जेल हो गई. आज 23 मई को अखिलेश ने धनंजय सिंह का नाम लिए बिना उसी घटना का जिक्र कर हमला बोला.
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