Akhilesh Yadav News: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव PDA फॉर्मूले को लेकर सियासी मैदान में उतरे हैं. PDA यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक. बता दें कि अखिलेश का दावा है कि लोकसभा चुनाव में जीत के बाद वह पिछड़ों, दलित और अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए काम करेंगे, उन्हें उनकी हिस्सेदारी दिलाएंगे. इधर एक तरफ अखिलेश PDA का नारा लगा रहे हैं, उधर सामने आए दो लेटेस्ट सर्वे के आंकड़े सपा चीफ के लिए चिंता का विषय बन सकते हैं.
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आपको बता दें कि बीते एक हफ्ते के भीतर दो ओपिनियन पोल्स के आंकड़े सामने आए हैं. एक ओपिनियन पोल इंडिया टीवी-CNX का है तो दूसरे को टाइम्स नाउ-ETG ने किया है. मालूम हो कि दोनों ही ओपिनियन पोल के आंकड़ों ने अखिलेश यादव के लिए टेंशन बढ़ा दी है. खबर में आगे जानिए सर्वे के आकड़ों से क्या पता चला है.
टाइम्स नाउ-ETG ने सपा के लिए लगाया ये अनुमान
टाइम्स नाउ-ETG के लेटेस्ट ओपिनियन पोल के आंकड़ों के अनुसार, इस बार उत्तर प्रदेश में भाजपा को अप्रत्याशित जीत मिल सकती है. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में NDA 74-78 सीटों के साथ प्रचंड जीत हासिल कर सकती है. वहीं, इंडिया ब्लॉक (सपा और कांगेस) को तीन से 5 सीट जीतने की संभावना जताई गई है. दूसरी तरफ मायावती की बसपा को जोरदार झटका लगता हुआ दिख रहा है. सर्वे के आंकड़ों की मानें तो यूपी में बसपा का खाता नहीं खुलने का अनुमान जताया गया है.
इंडिया टीवी-CNX ने जताई ये संभावना
इंडिया टीवी-CNX के ओपिनियन पोल के अनुसार, उत्तर प्रदेश में बीजेपी की अप्रत्याशित प्रदर्शन कर सकती है. सर्वे के मुताबिक, यूपी में भाजपा नीत NDA को 77 सीट तो इंडिया अलायंस (सपा और कांग्रेस) के खाते में मात्र 3 सीटे जाती दिख रही हैं. वहीं मायावती की बसपा इस बार शून्य पर सिमटती दिख रही है. सर्वे के मुताबिक कि इंडिया गठबंधन में तीनों सीट सपा के खाते में जा रही हैं और कांग्रेस खाता भी नहीं खुलते हुए दिख रहा है.
बता दें कि इन ओपिनियन पोल्स के आंकड़ों में सपा चीफ अखिलेश यादव के लिए खतरे की घंटी बजती हुई नजर आ रही है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि दोनों सर्वे के आंकड़ों में इंडिया गठबंधन (सपा-कांग्रेस) को 10 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान नहीं जताया गया है. हालांकि, ओपिनियन पोल में जो अनुमान लगाया गया है, वैसी ही तस्वीर नतीजों वाले दिन (4 जून) दिखे इसको लेकर दावा नहीं किया जा सकता है.
2019 में कैसे थे नतीजे?
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन के सभी अंकगणित को गलत साबित हुए थे. तब भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने गठबंधन सहयोगियों को ध्वस्त करते हुए 80 लोकसभा सीटों में से 64 सीटें जीती थीं. वहीं, सपा को 5 और बसपा को 10 सीटें मिली थीं. कांग्रेस ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में सोनिया गांधी की एकमात्र रायबरेली सीट जीती थी.
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