यूपी में फिर होगी सपा-भाजपा की टक्कर, इन सीटों पर जल्द होगा चुनाव, जानें वजह

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12 Jun 2024 (अपडेटेड: 12 Jun 2024, 08:45 PM)

Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आते हैं ही उत्तर प्रदेश में एक चुनाव की आहट हो गई है. इस चुनाव में यूपी के कई ऐसे नेताओं ने लोकसभा का चुनाव लड़ा जो मौजूदा समय में विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य थे.

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Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आते हैं ही उत्तर प्रदेश में एक चुनाव की आहट हो गई है. इस चुनाव में यूपी के कई ऐसे नेताओं ने लोकसभा का चुनाव लड़ा जो मौजूदा समय में विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य थे.अब लोकसभा की सदस्यता मिलने के बाद ये लोग उत्तर प्रदेश की विधानसभा और विधान परिषद की सदस्यता के साथ मंत्री पद से भी इस्तीफा देने का सिलसिला शुरु हो गया है. जिसके बाद इन सीटों पर उपचुनाव होना लगभग तय है.

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अखिलेश समेत इन विधायकों ने दिया इस्तीफा

बता दें कि बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट से लोकसभा चुनाव 2024 जीतने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. 2022 केअखिलेश करहल सीट से विधायक चुने गए थे. अखिलेश के साथ फैजाबाद के नए सांसद अवधेश प्रसाद ने भी अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया है. अवधेश प्रसाद अयोध्या की मिल्कीपुर सीट से विधायक थे. वहीं अंबेडकरनगर के नवनिर्वाचित सांसद लालजी वर्मा भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.   इससे पहले केंद्र सरकार में मंत्री बने जितिन प्रसाद ने भी यूपी विधान परिषद के सदस्याता से भी अपना इस्तीफा दे दिया था. 

इन सीटों पर होगा उपचुनाव

लोकसभा चुनाव के के जिस तरह के नतीजे सामने आए हैं उसके मुकाबिक उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा और 1 विधान परिषद सीट पर अब उपचुनाव होने हैं. कारण, इन सीटों से विधायक अब सांसद बन चुके हैं और एक-एक करके विधायकी से इस्तीफा देने जा रहे हैं. इसके बाद प्रदेश की 9 विधानसभा और 1 विधान परिषद सीट पर आगामी 6 महीने के भीतर उपचुनाव होगा. जिन  9 विधानसभा सीटों पर 4 पर सपा, 3 पर बीजेपी और 1-1 पर आरएलडी-निषाद पार्टी के विधायक हैं. 

जानें क्या कहते हैं नियम

बता दें कि नियमानुसार नेता का किसी दूसरे सदन का सदस्य निर्वाचित होने के बाद 14 दिन के भीतर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना अनिवार्य है. वहीं इस्तीफा देने के बाद खाली हुई विधानसभा सीट पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव कराना भी अनिवार्य है. सदस्यों के इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग द्वारा इन विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी जाएगी और तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा. 

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