जो मूर्ति प्रकट हुई थी वो कहां है? शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने राम मंदिर की नई मूर्ति पर उठाए सवाल

यूपी तक

18 Jan 2024 (अपडेटेड: 18 Jan 2024, 10:42 AM)

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज को पत्र लिख सवाल पूछा है कि जब रामलला विराजमान पहले से ही परिसर में विराजमान हैं, तब नई मूर्ति क्यों स्थापित की जा रही है.

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Ram Mandir Update: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के राम मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इस समारोह के लिए विशेष अनुष्ठान शुरू हो गया है. वहीं, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया है कि मंदिर के गर्भगृह में मैसूर के शिल्पकार अरुण योगीराज द्वारा तराशी गई रामलला की मूर्ति स्थापित की जाएगी, जिसका रंग श्यामल है. वहीं, अब रामलला की इसी मूर्ति को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. ये सवाल किसी और ने नहीं बल्कि खुद ज्योतिर्मठ के वर्तमान जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उठाए हैं. उन्होंने ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज को पत्र लिख सवाल पूछा है कि जब रामलला विराजमान पहले से ही परिसर में विराजमान हैं, तब नई मूर्ति क्यों स्थापित की जा रही है.

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अपने पत्र में कहा, “बीते कल (दिनांक 17 जनवरी 2024 ईसवी) को सायं काल समाचार माध्यमों से ज्ञात हुआ कि रामलला की मूर्ति किसी स्थान विशेष से राम मंदिर परिसर में लाई गई है और उसी की प्रतिष्ठा निर्माणाधीन मन्दिर के गर्भगृह में की जानी है. एक ट्रक भी दिखाया गया जिसमें वह मूर्ति लाई जा रही बताया गया. इससे यह अनुमान होता है कि नवनिर्मित श्री राम मंदिर में किसी नवीन मूर्ति की स्थापना की जाएगी जबकि, श्रीरामलला विराजमान तो पहले से ही परिसर में विराजमान हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “यहां प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि यदि नवीन मूर्ति की स्थापना की जाएगी तो श्रीरामलला विराजमान का क्या होगा? अभी तक राम भक्त यही समझते थे कि यह नया मंदिर श्रीरामलला विराजमान के लिए बनाया जा रहा है पर अब किसी नई मूर्ति के निर्माणाधीन मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठा के लिए लाए जाने पर आशंका प्रकट हो रही है कि कहीं इससे श्रीरामलला विराजमान की उपेक्षा ना हो जाए.”

अविमुक्तेश्वरानंद से पहले दिग्विजय सिंह ने खड़े किए थे सवाल

मालूम हो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा था, “रामलला की जिस मूर्ति पर सारा झगड़ा हुआ, वो कहां है? नई मूर्ति की जरुरत क्यों पड़ी.”

 

 

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