भारतीय सेना ने अयोध्या भेजा अपना युद्धक टैंक T-55 भीम, आखिर क्या है राम नगरी में आने की वजह?

बनबीर सिंह

25 Jul 2024 (अपडेटेड: 25 Jul 2024, 04:36 PM)

UP News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सेना ने अपना एक टैंक भेजा है. ये सेना का युद्धक टैंक है. रशिया में बने इस टैंक को T-55 भीम के नाम से जाना जाता है.

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UP News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सेना ने अपना एक टैंक भेजा है. अब आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर भारतीय सेना ने अपना युद्धक टैंक अयोध्या में क्यों भेजा? दरअसल सेना द्वारा अपने एक युद्धक टैंक को अयोध्या में स्थापित किया गया है. इस टैंक को अयोध्या के साकेत डिग्री कॉलेज में स्थापित किया गया है. इस टैंक की खास बात ये है कि इसने साल 1965 और 1971 के युद्ध में अहम भुमिका निभाई थी और दुश्मन को तबाह किया था. 

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बता दें कि जिस टैंक को भारतीय सेना ने अयोध्या में तैनात किया है, वह रशिया में बना था. इस टैंक को T55 भीम टैंक के नाम से जाना जाता है. टैंक को जहां स्थापित किया गया है, वहां 24 फीट चौड़ा और 36 फीट ऊंचा तिरंगा हमेशा लहराता रहेगा. 

4 लाख रुपये सिर्फ अयोध्या लाने में हुए खर्च

सेना का ये टैंक काफी समय पहले रिटायर हो गया था. ऐसे में साकेत कॉलेज ने इस टैंक को अयोध्या लाने की कोशिश की और सेना मुख्यालय से इसको लेकर बात की. 2 सालों की कोशिशों के बाद आखिरकार सेना ने ये टैंक अयोध्या भेजा. बता दें कि सेना से इस टैंक को डेढ़ लाख रुपये में खरीदा गया था. तो वहीं करीब 4 लाख रुपये इस टैंक को अयोध्या लाने में खर्च हुए. बता दें कि ये टैंक 9 मीटर लंबा, 4 मीटर चौड़ा है और इसका वजन 40 टन है.

1965 और 1971 के युद्ध में सेना को दिलाई थी बढ़त

अयोध्या टैंक लाने वाले सैन्य कर्मी का कहना है कि ये वार ट्रॉफी है. इसका इस्तेमाल अब वार ट्रॉफी के तौर पर किया जा रहा है. इस टैंक ने साल 1965 और 1971 के युद्ध में अहम योगदान दिया है और पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया है. ये टैंक युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए मोटिवेट करेगा.

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