बिना डिग्री वाले झोलाछाप डॉक्टर ने गर्भवती महिला का किया ऑपरेशन,फिर वो हुआ जो नहीं होना था

विनित पाण्डेय

• 04:59 PM • 08 Jan 2023

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी डिग्री के ही अस्पताल चला रहा था. गुलरिहां थाना क्षेत्र के भटहट क्षेत्र में स्थित…

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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी डिग्री के ही अस्पताल चला रहा था. गुलरिहां थाना क्षेत्र के भटहट क्षेत्र में स्थित सत्यम अस्पताल का यह मामला है. एक गर्भवती महिला का ऑपरेशन करने के दौरान उसकी मौत होने पर इस झोलाछाप डॉक्टर और उसके अस्पताल की पोल खुली. मामले सामने आने के बाद पुलिस ने अस्पताल को सील कर दिया है और इस फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है.

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जानकारी के मुताबिक, सत्यनगर निवासी रंजीत निषाद बिना किसी डिग्री के सत्यम अस्पताल का संचालन कर रहा था. तीन दिसंबर को अस्पताल में भर्ती एक महिला का रंजीत ने ऑपरेशन किया. . इस दौरान महिला मरीज की मौत हो गई. फिर महिला के पति ने चार दिसंबर को तहरीर देते हुए संचालक पर आरोप लगाया डिग्री नहीं होने के बाद भी वह इलाज कर रहा था.

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर अनिल सिंह, एएसपी सीओ चौरीचौरा मानुष पारिक एवं गुलरिहां थाना प्रभारी मनोज कुमार पांडेय पूरी टीम के साथ सत्यम हॉस्पिटल पहुंचे. जहां अस्पताल खुला हुआ था लेकिन कोई भी कर्मचारी अथवा रोगी मौके पर मौजूद नहीं था.

पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहले अस्पताल का गहन निरीक्षण किया. इस दौरान मिले अभिलेख व अन्य सामानों को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को बाहर से बंद करते हुए अपना ताला लगाकर सील कर दिया.

एएसपी सीओ मानुष पारिक ने बताया कि कब्जे में लिए गए अभिलेखों की जांच कराई जाएगी. अस्पताल संचालक के विरुद्ध तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर उसे पुलिस ने दबोच लिया है.

वहीं, क्षेत्र के जैनपुर टोला काजीपुर निवासी रामदवन ने गुलरिहा थाने पर तहरीर देकर आरोप लगाया था कि तीन दिसंबर की शाम चार बजे पत्नी सोनावत के पेट में अचानक दर्द शुरू हुआ. उपचार के लिए भटहट के सत्यम हास्पिटल में भर्ती किया. बुधवार की सुबह करीब चार बजे अस्पताल संचालक मेरी पत्नी को ऑपरेशन थियेटर में ले गया.

तहरीर में आगे बताया गया कि आधे घंटे बाद हालत गम्भीर कहते हुए अपने निजी गाड़ी से खजांची चौराहे के एक निजी नर्सिंग होम में लेकर गया. जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. रामवदन ने आरोप लगाया था कि डाक्टर की अनुपस्थिति में डिग्री नहीं होने के बाद भी अस्पताल संचालक पत्नी का उपचार कर रहा था. उसके गलत उपचार से पत्नी की मृत्यु हो गई. पुलिस ने पति की तहरीर पर संचालक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच कर रही थी.

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