Sanjeev Jiva Murder Case Update: लखनऊ कोर्ट में हुई गैंगस्टर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या में भले ही 5 लाख रुपये के इनामी बदन सिंह बद्दो का नाम सामने आया हो, लेकिन लखनऊ पुलिस जीवा हत्याकांड में बदन सिंह बद्दो के साथ-साथ सुशील मूंछ की भूमिका पर भी जांच कर रही है. दरअसल, लखनऊ पुलिस को शक है कि हत्याकांड में बदन सिंह बद्दो के साथ जेल में बंद सुशील मूंछ ने मिलकर साजिश रची और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक छत्र राज स्थापित करने के लिए संजीव जीवा की हत्या करवा दी. बता दें कि लखनऊ पुलिस जीवा हत्याकांड में चार्जशीट दाखिल करने के बाद भी कई सवालों के जवाब तलाशने में जुट गई है.
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लखनऊ पुलिस को है ये शक
बीती 7 जून को लखनऊ कोर्ट में हुई पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या में लखनऊ पुलिस की चार्जशीट में 5 लाख के इनामी बदन सिंह भद्दो को साजिश रचने का आरोपी बनाया गया है. मगर पुलिस ने अपनी विवेचना में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दूसरे गैंगस्टर सुशील मूंछ को भी शामिल किया है. संजीव जीवा हत्याकांड में सुशील मूंछ की भूमिका की भी पुलिस जांच कर रही है. लखनऊ पुलिस को शक है कि संजीव जीवा की हत्या को बदन सिंह और सुशील मूंछ ने मिलकर अंजाम दिलवाया है, जिसमें 50 लाख रुपये की सुपारी देकर शूटर विजय यादव का इस्तेमाल हुआ है.
क्यों आया सुशील मूंछ का नाम?
मालूम हो कि संजीव जीवा ने हत्या से पहले मुजफ्फरनगर कोर्ट में जिला जज को भेजी गई अपनी एप्लीकेशन में बदन सिंह बद्दो के साथ-साथ सुशील मूंछ के द्वारा हत्या करवाए जाने की आशंका जताई थी. संजीव जीवा की इस आशंका के पीछे उसका अपना लालच और वर्चस्व को कायम करने की कोशिश एक बड़ी वजह थी. साल 2007 में संजीव जीवा ने हरिद्वार के कोतवाली थाना क्षेत्र में ही अपने दो अन्य साथियों इंदर शर्मा और नागेंद्र ब्रह्मचारी के साथ मिलकर सुशील मूंछ के करीबी हरवीर सिंह की हत्या कर दी थी. हरवीर सिंह सुशील मूंछ गैंग का करीबी था और इस हत्या ने उत्तराखंड में सुशील मूंछ के सामने संजीव जीवा को स्थापित कर दिया था.
ठीक 10 साल बाद फिर उसी हरिद्वार शहर में संजीव जीवा ने एक और हत्या करवाई. हरिद्वार के कनखल में अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी की हत्या में संजीव जीवा का नाम आया. लोअर कोर्ट से संजय जीवा को उम्रकैद की सजा हुई, लेकिन 2021 में हाई कोर्ट से बरी हो गया. अमित दीक्षित और गोल्डी की हत्या से संजीव जीवा की बदन सिंह बद्दो से खुली दुश्मनी हो गई.
बद्दो और मूंछ के लिए चुनौती बन गया था जीवा!
दरअसल उत्तराखंड का कंबल कारोबारी अमित दीक्षित, बदन सिंह बद्दो का बेहद करीबी था. चर्चा है कि अमित दीक्षित के बिजनेस में बदन सिंह बद्दो एक बड़ा मददगार था. जीवा ने अमित दीक्षित की हत्या हरिद्वार के कनखल में स्थित 50 करोड़ की जमीन की डील को लेकर करवाई थी. इस डील में हरिद्वार के सुभाष सैनी ने पेंच फंसाए थे. सुभाष सैनी, सुशील मूंछ का करीबी था. संजीव जीवा ने सुभाष सैनी को रास्ते से हटाने के लिए दो बार असफल जानलेवा हमला करवाया. दो बार सुभाष सैनी बच गया, तो तीसरी बार जमीन को डील शमिल में अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी की हत्या करवा दी. उत्तराखंड में कीमती जमीनों की डील और वसूली के धंधे में वर्चस्व को लेकर संजीव जीवा धीरे-धीरे सुशील मूंछ और बदन सिंह बद्दो के लिए चुनौती बन गया था. यही वजह है कि लखनऊ पुलिस संजीव जीवा हत्याकांड में अब सुशील मूंछ की भूमिका पर भी जांच कर रही है.
चार्जशीट में अभी भी कुछ सवालों के जवाब नहीं मिले हैं
कोर्ट में दाखिल की गई पुलिस की चार्जशीट में अभी भी कुछ सवालों के जवाब नहीं मिले हैं. पुलिस उस असलम को नहीं तलाश पाई है, जिसने नेपाल में शूटर विजय यादव की बदन सिंह बद्दो से मुलाकात करवाई थी. पुलिस असलम के बारे में कुछ भी नहीं जानती है. वह कहां का रहने वाला है, वह कैसा दिखता है और विजय यादव असलम के संपर्क में कैसे आया, इसका खुलासा शूटर विजय यादव के बयानों में भी पुलिस नहीं करवा पाई है.
पुलिस ने चार्जशीट में नहीं किया इस बात का जिक्र
दूसरी तरफ जीवा हत्याकांड को अंजाम देने के बाद वकीलों की पिटाई से घायल शूटर विजय यादव ने इलाज के दौरान लखनऊ जेल में आतिफ नामक कैदी से जीवा का झगड़ा और आतिफ के भाई असलम से नेपाल में मुलाकात का जिक्र किया था, लेकिन पुलिस ने अपनी चार्जशीट में लखनऊ जेल में हुए इस झगड़े का भी कोई जिक्र नहीं किया.
शूटर विजय यादव लखनऊ आया तो उसे फैजाबाद रोड के बस स्टेशन पर लखनऊ के किस मददगार ने वकील की ड्रेस दी, उसे हथियार मुहैया कराए? पुलिस लखनऊ के रहने वाले उस मददगार को भी नहीं तलाश कर पाई है, जबकि इस मामले में शूटर विजय यादव से लखनऊ पुलिस ने कई बार जेल जाकर भी पूछताछ की है. संजीव जीवा हत्याकांड में दाखिल की गई पुलिस की पहली चार्जशीट के बाद भी अभी विवेचना चल रही. ऐसे में पुलिस को जब जीवा हत्याकांड के इन अनसुलझे सवालों के जवाब मिलेंगे, तब उम्मीद है कि पुलिस दूसरी चार्जशीट भी दाखिल करे.
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