अजीत सिंह हत्याकांड (Ajit Singh Murder) में पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह को बड़ी राहत मिली है. बाहुबली धनंजय सिंह पर शूटरों को सहयोग करने का आरोप था, पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने सीजेएम कोर्ट में हाजिर हुए थे. वहीं कोर्ट ने धनंजय सिंह को जमानद दे दी है. इस मामले में रिमांड के दौरान शिवेंद्र उर्फ अंकुर ने कुबूल किया था कि अजीत सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने के बाद सभी शूटरों को दिए गए असलहे संदीप उर्फ बाबा ने इकट्ठा किए थे. संदीप ने सारे असलहे गिरधारी को दिए और गिरधारी ने इन्हें अंकुर को दिए.
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धनंजय सिंह पर आरोप है कि उन्होंने साल 2021 में हुए अजीत सिंह हत्याकांड में शूटरों को शरण दी थी.
गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ में एक साल पहले, 6 जनवरी की शाम विभूति खंड इलाके में मोहमदाबाद के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी. अजीत सिंह के साथी और शूटआउट में घायल मोहर सिंह की तहरीर पर आजमगढ़ के कुंटू सिंह समेत चार लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई. पुलिस ने जांच की तो 11 और आरोपी सामने आए. जांच के दौरान जौनपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह को साजिश रचने का आरोपी बनाया गया. पुलिस ने अजीत सिंह हत्याकांड में धनंजय सिंह पर शिकंजा कसना शुरू किया तो एक पुराने मामले में धनंजय जमानत कटवा कर जेल चले गए.
लखनऊ पुलिस ने अजीत सिंह हत्याकांड में मिली कॉल डिटेल्स और सबूतों के आधार पर धनंजय सिंह को इस पूरे हत्याकांड की साजिश रचने का आरोपी बनाते हुए वॉन्टेड घोषित किया.
धनंजय सिंह के जौनपुर स्थित आवास पर जौनपुर और लखनऊ की पुलिस ने कई बार छापेमारी भी की, लेकिन धनंजय सिंह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े. बता दें कि लखनऊ पुलिस ने धनंजय सिंह के ऊपर 25000 रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. बता दें कि नैनी जेल में रहने के दौरान धनंजय सिंह ने जेल में अपनी जान को खतरा बताया, जिसके बाद 11 मार्च 2021 को उन्हें नैनी जेल से सेंट्रल जेल फतेहगढ़ शिफ्ट कर दिया गया. फतेहगढ़ जेल पहुंचने के 20 दिन के अंदर ही कोर्ट से धनंजय सिंह को जमानत मिल गई और तभी से धनंजय सिंह बाहर हैं.
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