उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित लुलु मॉल (Lulu Mall) उद्घाटन के बाद से ही कई विवादों से घिरा है. पिछले दिनों लुलु मॉल में कथित तौर पर नमाज पढ़ने का वीडियो सामने आने के बाद विवाद की शुरुआत हुई. मॉल में कथित तौर पर नमाज पढ़ने पर आपत्ति जताते हुए हिंदू संगठनों ने विरोध दर्ज कराया और शनिवार को 2 युवकों ने मॉल में कथित तौर पर हनुमान चालीसा का पाठ किया. इसके अलावा सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि लुलु मॉल में काम करने वाले 80 फीसदी मुस्लिम लड़के और 20 प्रतिशत हिंदू लड़कियां हैं.
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इस तरह के दावों और विवादों के बीच रविवार को मॉल प्रशासन ने एक विज्ञप्ति जारी कहा कि हमारे यहां जितने भी कर्मी है उनमें स्थानीय, उत्तर प्रदेश और देश से भी हैं जिनमें से 80 प्रतिशत से अधिक हिन्दू हैं और शेष में मुस्लिम, इसाई व अन्य वर्गों के लोग हैं.
साथ ही मॉल प्रशासन ने यह भी कहा, “हमारे यहां जो भी कर्मी हैं वे जाति, मत, मजहब के नाम पर नहीं, बल्कि अपनी कार्यकुशलता के आधार पर और मेरिट के आधार पर रखे जाते हैं. लुलु मॉल एक पूर्णतया व्यावसायिक प्रतिष्ठान है, जो बिना किसी जाति, मत या वर्ग का भेद किये हुये व्यवसाय करता है.”
इसके अलावा मॉल प्रशासन ने बताया कि हमारे प्रतिष्ठान में किसी भी व्यक्ति को धार्मिक गतिविधि संचालित करने की छूट नहीं है. जिन लोगों ने सार्वजनिक स्थान पर प्रार्थना और नमाज पढ़ने की कुत्सित चेष्टा की उनके खिलाफ मॉल प्रबन्धन ने एफआईआर कराकर उचित कार्रवाई की है.
मॉल प्रशासन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमारे प्रतिष्ठित व्यावसायिक प्रतिष्ठान को निहित स्वार्थ में निशाना न बनाएं और हमें उपभोक्ताओं के हित का ध्यान रखकर शान्तिपूर्वक व्यवसाय करने दें.
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