उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस धीरे-धीरे बढ़ता दिखाई पड़ रहा है. ऐसे में लखनऊ स्थित राम मनोहर लोहिया और केजीएमयू अस्पताल में एक बार फिर से कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट भर्ती होने के लिए और ओपीडी में डॉक्टरों को दिखाने के लिए जरूरी होगी, ताकि कोरोना को फैलने से रोका जा सके.
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मिली जानकारी के मुताबिक, जिन मरीजों में सर्दी, जुखाम, खांसी या बुखार जैसे लक्षण दिखाई पड़ेंगे और वह पेशंट अस्पताल में अपने रोग से संबंधित विभाग के डॉक्टरों को अपनी बीमारी के दिखाने से पहले उनकी अपनी कोविड की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. तभी ओपीडी में डॉक्टरों को मरीज दिखा सकेंगे.
जानकारी के मुताबिक, बताया जा रहा है कि केजीएमयू और लोहिया अस्पताल में ओपीडी में डॉक्टरों को दिखाने आए मरीजों के साथ-साथ जिन मरीजों का ऑपरेशन भी होना है. अगर उनमें भी कोविड के लक्षण से संबंधित कोई भी चीज दिखाई देती है, जिसमें खांसी, जुखाम, सर्दी और बुखार शामिल हैं, तो उनका को भी कोविड टेस्ट कराया जाएगा.
इसके बाद कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही ऑपरेशन किया जाएगा. लेकिन यह सिर्फ उन्हीं पेशेंट पर लागू होगा, जिनमें कोविड के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, ताकि जो अन्य मरीज है जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं है उन्हें संक्रमित होने से बचाया जा सके.
वहीं राजधानी लखनऊ में कोरोना का ग्राफ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में 52 मरीज कोरोना के पाए गए. वहीं, सक्रिय केसेस की कुल संख्या 211 हो गई है. इसी के चलते अब लखनऊ के अस्पताल अलर्ट मोड पर है और ओपीडी, भर्ती और ऑपरेशन कराने वाले मरीजों के लिए कोविड की निगेटिव रिपोर्ट को दिखाने का कदम उठाया है.
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