Lucknow News: उत्तर प्रदेश पुलिस जहां एक तरफ माफियाओं-बाहुबलियों और अपराधियों पर नकेल कस रही है तो वहीं दूसरी तरफ यूपी पुलिस के कुछ पुलिसकर्मी, यूपी पुलिस की साख गिराने से बाज नहीं आ रहे हैं. ताजा मामला प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सामने आया है. यहां एक युवा आईएएस अधिकारी बनने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा था. मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. युवक ने कथित रूप से फांसी लगाकर सुसाइड कर ली. आत्महत्या से पहले युवक ने जो सुसाइड नोट छोड़ा उससे हड़कंप मच गया.
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दरअसल मृतक ने सुसाइड नोट में पुलिस के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं. मृतक ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसके खिलाफ फर्जी केस दर्ज कर लिया, जिसके कारण वह सुसाइड करने जा रहा है. पुलिस अधिकारियों ने सुसाइड नोट को संज्ञान में लेते हुए 3 उप निरीक्षक सहित एक कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं.
22 साल के आशीष का आईएएस बनने का था सपना
ये पूरा मामला लखनऊ के रहीमाबाद थाना क्षेत्र से सामने आया है. यहां रहने वाले आशीष कुमार की उम्र सिर्फ 22 साल थी. वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारियां कर रहा था. बताया जा रहा है कि आशीष ने अपने घर पर कथित तौर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मिली जानकारी के मुताबिक, आशीष ने सुसाइड से पहले एक नोट भी छोड़ा है, जिसमें उसने पुलिसकर्मियों द्वारा फर्जी केस दर्ज करने पर आहत होकर सुसाइड करने की बात कही है.
इस मामले में मृतक की मां सुशीला देवी ने पुलिस अधिकारियों को शिकायत पत्र लिखा है. शिकायत पत्र के मुताबिक, मृतक के पिता महादेव का गांव के ही नंदू विश्वकर्मा के साथ 2018 से एक केस चल रहा था. जिस थाने में केस दर्ज था, वह बदल गया. इसके बाद श्यामलाल नाम के एक शख्स ने फर्जी घटना दिखाते हुए हमारे खिलाफ थाने में फर्जी शिकायती पत्र दे दिया. जिसके बाद जय बाबा थाने के सिपाहियों और उपनिरीक्षक, जिनमें राजमणि पाल, ललन पाल और मोहित शर्मा शामिल हैं, उन्होंने इस केस को हल्का करने के लिए हमसे 5 हजार रुपए की मांग की. हम जब रुपए नहीं दे पाए तो पुलिसकर्मियों ने बेटे आशीष और मयंक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया.
क्या लिखा सुसाइड नोट में
मृतक की मां के मुताबिक, इस बात से उसका बेटा आशीष काफी आहत और अपमानित महसूस करने लगा और उसने घर के कमरे में फांसी लगा आत्महत्या कर ली. मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक आशीष ने सुसाइड नोट में साफ लिखा है कि उपनिरीक्षक ललन पाल और मोहित शर्मा ने मुझें फर्जी केस में फंसाया. इसकी वजह से मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं. मेरी सुसाइड का मुख्य कारण नंदू विश्वकर्मा और थाने के पुलिसकर्मी हैं.
पुलिस अधिकारियों ने क्या कहा
इस पूरे मामले पर डीजीपी साउथ जोन राहुल राज ने बताया, इस पूरे मामले का संज्ञान लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है. जिन पुलिसकर्मियों के ऊपर आरोप है, उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया है. मामले पर जांच कमेटी बनाई गई है. मामले की गंभीरता के साथ जांच चल रही है.
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