उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह को ट्रेन पकड़ने के लिए पैदल न चलना पड़े इसलिए उनकी कार को रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म तक पहुंचा दिया गया. इस दौरान उनकी कार को दिव्यांगों के लिए बने रैम्प में चढ़ाकर एस्केलेटर तक पहुंचाया गया.
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धर्मपाल सिंह को ट्रेन नंबर 13005 (हावड़ा-अमृतसर, पंजाब मेल) से लखनऊ से बरेली जाना था. ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर आने वाली थी. ऐसे में मंत्री धर्मपाल सिंह को मुख्य पोर्टिको आकर ज्यादा पैदल न चलना पड़े, इसलिए उनकी कार को सीधे प्लेटफॉर्म नंबर 1 के पास बने एस्केलेटर तक ले जाया गया. इस दौरान स्टेशन पर बड़ी संख्या में यात्री मौजूद थे और इसके चलते उनके बीच अफरा तफरी मच गई.
अब इस मामले में खुद पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने अपनी सफाई देते हुए सपा चीफ अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हम लोग माननीय अखिलेश यादव जी की तरह काफिला नहीं लेकर चलते हैं. मेरी एक गाड़ी थी. उस वक्त ड्राइवर और मेरा पीएसयू था. भारी बारिश हो रही थी. एस्केलेटर तक गाड़ी पहुंची और ना तो प्लेटफॉर्म पर कोई गाड़ी गई थी और ना ही किसी को कठिनाई थी. एस्केलेटर के माध्यम से हम ट्रेन पकड़ कर ट्रेन चढ़कर आए हैं. हम अखिलेश यादव की तरह कोई काम नहीं करते हैं. हम लोग सामान्य स्तर पर चलते हैं. मैं एक किसान का बेटा हूं, उसी तरीके से रहता हूं.
बता दें कि इस मामले पर अखिलेश यादव ने ट्वीट कर मंत्री धर्मपाल सिंह पर तंज करते हुए कहा कि अच्छा हुआ ये बुलडोज़र से स्टेशन नहीं गये थे.
अखिलेश यादव के इस ट्वीट पर मंत्री धर्मपाल सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो लोग सोने की चमच मुंह में लेकर पैदा हुए हैं, वो गरीब का दर्द नहीं जानेंगे. वो सामान्य आदमी की पीड़ा नहीं समझते हैं, क्योंकि वो सामान्य तरीके से ट्रेन में चले नहीं. वो हवाई जहाज से चलते हैं, तो वो सामान्य व्यक्ति का दर्द नहीं जानेंगे. उन्हें (अखिलेश यादव) को यही ट्वीट करना ठीक लगा है. मैं समझता हूं कि उन्होंने ठीक नहीं कहा है. हम सामान्य स्तर के लोग हैं, ट्रेन से चलते हैं, कोई काफिला नहीं लेकर चलते हैं. अखिलेश के ट्वीट में बुल्डोजर शब्द का जिक्र करने पर मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि वो (अखिलेश) बुल्डोजर से घबरा गए हैं.
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