Terror of Wolf in Bahraich : उत्तर प्रदेश के बहराइच में इन दिनों एक अदमखोर भेड़ियों से पूरे इलाके के लोग दहशत में जी रहे हैं. भेड़ियों ने एक महीने के अंदर आधा दर्जन से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाया है. जिसमें पांच बच्चे भी शामिल हैं. वहीं अब उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस प्रशासन और वन विभाग की टीम ने लगातार गश्त कर रही है. फिलहाल, वन विभाग की 20 टीमें आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने में जुटी हुई हैं. वहीं भेड़ियों को रिहायशी इलाकों से दूर भगाने के लिए वन विभाग के विशेषज्ञ हाथियों के मल और मूत्र का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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वन विभाग ने बनाया ये प्लान
बता दें कि भेड़ियों से निपटने के लिए यूपी के पांच वन प्रभागों बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, गोंडा व बाराबंकी की 20 टीमें दिन-रात गश्त कर रही हैं. वहीं भेड़ियों को रिहायशी इलाकों से दूर भगाने के हाथियों के मल और मूत्र का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि हाथियों के मल और मूत्र की गंध से उनकी मौजूदगी का भ्रम बनता है और भेड़िये दूर भाग जाते हैं. बाराबंकी के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) आकाशदीप ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए बताया कि, 'हाई फ्रीक्वेंसी ड्रोन कैमरों से छह भेड़ियों को चिन्हित किया गया था जिनमें से तीन भेड़िए पहले ही पकड़े जा चुके हैं और बचे हुए तीन भेड़ियों को पकड़ने की कवायद जारी है. हमारा पहला मकसद इन भेड़ियों से गांव के लोगों को सुरक्षित करना है। इसके लिए हमने पहले इन्हें रिहायशी बस्तियों से दूर ले जाने की रणनीति बनाई है और कतर्नियाघाट जंगल से हाथियों का मल और मूत्र मंगवाकर इसे गांवों के बाहर जगह-जगह छोड़ा जा रहा है. इससे भेड़ियों को हाथी की मौजूदगी का भ्रम होगा.'
बहराइच आदमखोर भेड़ियों से दहशत
गौरतलब है कि पिछले 35 दिनों से महसी तहसील क्षेत्र अंतर्गत हरदी थाना क्षेत्र के दो दर्जन गांवों में आदमखोर भेड़ियों का आतंक बना हुआ है. इलाके के लोगों के मुताबिक, अब तक भेड़िया सात बच्चों को उठाकर खा चुका है. वहीं बहराइच के डीएफओ अजीत प्रताप सिंह पांच बच्चों के मारे जाने की बात कर रहे हैं. प्रभावित गांवों में पुलिस, प्रशासन, वन विभाग व गांव वासियों की टीमें अलग-अलग टोलियों में दिन रात गश्त लगा रहे हैं. क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश्वर सिंह भी दो रात से रात्रि गश्त में शामिल होकर व गांव- गांव चौपालें लगाकर लोगों का हौसला बढ़ा रहे हैं और बच्चों को घर के भीतर सोने व ग्रामीणों को टोलियों में गश्त करने की सलाह दे रहे हैं. प्रदेश की मुख्य वन संरक्षक-मध्य क्षेत्र रेणु सिंह ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर ग्रामीणों का हौसला बढ़ाया और वन विभाग के अधिकारियों को बचाव अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.
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