Basti News Hindi: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में कलेक्ट्रेट परिसर की सर्द रात को उस समय हलचल मच गई, जब दो बहनें जिलाधिकारी कार्यालय पर आकर चटाई बिछाकर और कंबल ओढ़कर वहां पर पढ़ने लगीं. दुबौली दुबे की रहने वालीं कविता और सविता नाम की दो बहनें डीएम ऑफिस पर ही सांकेतिक धरने पर बैठ गईं, जिसके बाद जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. दरअसल, इन दोनों बहनों का आरोप है कि इनके पिता अब इन्हें बोझ समझने लगे हैं और आए दिन कहासुनी-मारपीट होती रहती है. वहीं, दोनों की बहनों की कहानी सुनकर बस्ती प्रशासन समस्या के निस्तारण में लग गया है.
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कविता और सविता का कहना है कि ‘जब से भाई की शादी हुई है, तबसे माता-पिता का मोह हम दोनों बहनों से भंग हो गया है. इकलौते भाई की शादी के बाद से ही घर में कलेश मचा रहता है और हद तो तब हो गई, जब पिता ने अपनी बहू की बात को मानते हुए हमें इस सर्द रात में अपने घर से बाहर निकाल दिया.’
इसके बाद दोनों बहनें बस्ती आईं और यहां उन्होंने डीएम से मिलकर अपने पिता के ‘करतूतों’ की कहानी बयान की. उन्होंने कहा, “भाई की पत्नी चाहती है कि हमारे पिता जो भी रुपये हम दोनों की पढ़ाई-लिखाई में खर्चा करते हैं, वह हम दोनों को ना देकर उसे दें. बस इसी बात को लेकर आए दिन घर में झगड़ा होता है.”
दोनों बहनों की आपबीती सुनकर जिलाधिकारी ने महिला थानाध्यक्ष को फोन किया और इन समस्या का निवारण करने का निर्देश दिया. इसके बाद दोनों बहनें महिला थाना पहुंची.
मगर दोनों बहनों का आरोप है कि महिला थानाध्यक्ष ने उनकी एक न सुनी. थक हार कर शाम को वे फिर से कलेक्ट्रेट परिसर में ही आकर सांकेतिक धरने पर बैठ गईं और अपनी किताब खोलकर पढ़ने लगीं. धीरे-धीरे बस्ती के जिला प्रशासन को इसकी भनक लगी और वे इन दोनों बेटियों की समस्या के निदान में लग गया. इसके बाद इस कड़ाके की ठंड की वजह से इन दोनों युवतियों को समझा-बुझाकर जिला प्रशासन ने महिला वन स्टेप सेंटर भेजा.
अब देखना यह होगा कि बस्ती का जिला प्रशासन कविता और सविता को किस तरह से न्याय दिला पाता है?
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