Firozabad News: फिरोजाबाद की मेयर नूतन ठाकुर की दिलचस्प कहानी है. वह उत्तर प्रदेश की सबसे कम उम्र की मेयर हैं. उन्होंने साल 2017 में सुहागनगरी फिरोजाबाद के मेयर चुनाव में जीत का एक इतिहास बनाया था. इसी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 5 दिसंबर 2017 को नूतन राठौर को दिल्ली बुलाकर सम्मानित किया था. प्रधानमंत्री ने उस समय नूतन के साथ फोटो भी ट्वीट किया था. आपको बता दें कि नूतन राठौर 2017 से पहले से राजनीति में नहीं थीं, उन्होंने एमबीए किया हुआ था. जब वह 30 वर्ष 3 माह की थी, तभी उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने टिकट देकर मैदान में उतार दिया था. उस समय मेयर का चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु 30 वर्ष की थी.
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कौन हैं नूतन राठोड़?
मिली जानकारी के अनुसार, नूतन राठौर की प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर में हुई. उसके बाद एमजी कॉलेज से उन्होंने बीएससी की और फिर जीएलए मथुरा से पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा कर मैनेजमेंट की शिक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की, बता दें कि नूतन राठौर के पिता मंगल सिंह राठौर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी से काफी लंबे समय से जुड़े रहे हैं.
सबसे कम उम्र की मेयर बन इतिहास रच डाला!
फिरोजाबाद शहर की मेयर की सीट पिछड़े वर्ग महिला के लिए आरक्षित सीट थी. इस सीट पर पांच सशक्त महिलाओं की दावेदारी थी. नूतन राठौर उस समय मात्र 30 साल 3 महीने की थीं, और उन्हें राजनीतिक अनुभव भी नहीं था लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें चुनाव में उतार दिया. अक्टूबर 2017 में हुए चुनाव में नूतन राठौर को 98928 वोट मिले और वह 42392 वोटों से जीत गईं. दूसरे नंबर पर रहीं AIMIM की मशरूम फातिमा को 56536 वोट मिले, तीसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी की सावित्री देवी को 45917 वोट मिले.
राजनीति में कौन है आदर्श?
नूतन राठौर बड़े गर्व से कहती हैं कि वह पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेई और पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण को बार बार सुनती हैं. उन्होंने कई बार विवेकानंद की पुस्तकों को भी पढ़ा है. वह बताती हैं कि पीएम मोदी और सीएम योगी के द्वारा लिए जा रहे निर्णय का प्रभाव उनके ऊपर है और वह अपना गुरु और आदर्श प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मानती हैं.
पिछले 5 वर्षों में क्या-क्या कार्य किए?
नूतन राठौर के अनुसार, क्योंकि वह इसी शहर की बेटी हैं इसीलिए उन्होंने शहर को स्वच्छ रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी और वे 80 परसेंट तक अपने कार्यों को अंजाम देने में सफल रही हैं. नगर सीमा में एलईडी लाइट की व्यवस्था करना, गली मोहल्ले में सफाई कराना, 24 घंटे पानी की आपूर्ति, नए क्षेत्रों में सड़क पहुंचाना, 15 साल से चनौरा खता घर तक 50 फीट ऊंचा जो कूड़े का ढेर इकट्ठा था उसको सूरत और अहमदाबाद से प्रशिक्षण प्राप्त कर चनौरा पर ही सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के माध्यम से निस्तारण करना, रात्रिकालीन सफाई कराना, घर-घर से कूड़ा उठाना आदि उनके प्रमुख कार्य हैं.
क्या रह गया जो करना चाहती हैं?
नूतन राठौर कहती हैं, “अगर जनता मुझे एक बार और कार्य करने का अवसर देती है तो मैं हर गरीब मजदूर, बेसहारा नागरिक का किसी सीमा तक सहारा बन सकूं ,यह मेरा प्रयास रहेगा. साथ ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपनों को साकार करना ही मेरा उद्देश्य है. मेरा सपना है कि आगरा मेट्रो सिटी से फिरोजाबाद से मेट्रो का जोड़ा जा सके. इसको करने के लिए पूरी तरह प्रयासरत हूं. कांच की नगरी सुहाग नगरी में अभी भी दलित मलिन बस्तियों में बहुत कार्य करने की जरूरत है, उसके लिए भी मैं प्रयासरत हूं.”
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