Hapur News: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के गोएना गांव में 6 वर्षीय एक मासूम बच्चे की कथित तौर पर 3 टीके लगने के कुछ घंटे बाद ही मौत हो गई. वहीं, मृतक बच्चे के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. बता दें कि बच्चे की मौत के बाद से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. मामले में हापुड़ के सीएमओ डॉक्टर सुनील कुमार ने कहा है कि मामले की जांच करवाई जा रही है और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें 10 जनवरी को दोपहर के वक्त गोएना गांव निवासी मनीषा अपने बच्चे के साथ घर पर अकेली थी. तभी स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारी घर पहुंचे और मनीषा के बच्चे को टीके लगाने की बात कही. मगर बच्चे की मां ने स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों को बताया कि उसके बच्चे की तबीयत अभी ठीक नहीं है. उसे बुखार और निमोनिया है. मगर आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने कहा कि इन टीकों से ऐसी कोई भी दिक्कत नहीं होगी, अगर होती भी है तो उसकी जिम्मेदारी फिर उनकी होगी.
मृतक बच्चे की मां और पिता की बात अगर मानें तो उनके द्वारा बार-बार मना करने के बावजूद मासूम बच्चे को 3 टीके लगाए गए, जिनमें 2 टीके बच्चे की जांघ में और एक टिका बच्चे की गर्दन के पास लगाया गया था. आरोप है कि टीके लगने के 1 घंटे बाद से ही बच्चा दर्द से चिल्लाने लगा और कुछ देर बाद ही बच्चे का शरीर नीला पड़ने लगा, जिसको देखकर बच्चे के परिजन उसे गढ़ रोड स्थित एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे, जहां उस बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गई.
बच्चे की मौत के बाद से कोहराम मच गया है और परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. परिजनों ने स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ जमकर नाराजगी जाहिर की है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
CMO ने कही ये बात
हापुड़ के सीएमओ डॉक्टर सुनील कुमार ने बताया कि ‘हमारा टीका बिल्कुल सेफ है और इस बच्चे को टीका 10 जनवरी को लगाया गया था अगर टीके से कोई हानि होती तो 1 घंटे के भीतर भीतर मृत्यु हो जाती लेकिन बच्चे की मृत्यु रात को लगभग 11 से 12 बजे के बीच हुई है, जिससे जाहिर है कि बच्चे की मौत टीके के प्रभाव से नहीं हुई है. उसके बावजूद भी डब्ल्यूएचओ और मेरे द्वारा भी इस प्रकरण की जांच कराई जा रही है. अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.”
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