उत्तर प्रदेश के बुंलदशहर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि दो पुलिसकर्मी बीच सड़क मोटरसाइकिल से हथियार निकालकर एक कार में रख देते हैं. फिर फर्जी मामले में कार सवार युवक को गिरफ्तार कर लेते हैं. घटना का सीसीटीवी वीडियो वायरल होते ही मामले ने तुल पकड़ लिया, जिसके बाद चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
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क्या है पूरा मामला
कार सवार युवक अमित के पिता दिनेश कुमार के आरोप के मुताबिक उनका बेटा 21 जुलाई को एक समारोह से लौट रहा था. इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों ने एक बाजार में उसकी कार रोकी और जबरन वाहन में पिस्तौल रख दी. उन्होंने बताया कि इसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया. इस बीच घटना का सीसीटीवी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसमें पुलिसकर्मी मोटरसाइकिल से हथियार निकालकर कार में रखते नजर आ रहे हैं.
पुलिस अधिकारियों ने लिया एक्शन
मामले की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक (अपराध) राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि 'शिकारपुर के थाना प्रभारी, नगर चौकी प्रभारी और दो कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया गया है.उन्होंने कहा कि वीडियो में दिख रहे दो होम गार्डों के संबंध में एक अलग रिपोर्ट भेजी जा रही है और जांच रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजी जाएगी.'
घटना को लेकर अखिलेश ने योगी सरकार को घेरा
इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश ने सरकार पर हमला बोला है. इसको लेकर उन्होंने एक्स पर एक पर एक पोस्ट भी किया है. उन्होंने कहा कि सीएम योगी की यूपी की बुलंदशहर पुलिस का कारनामा देखिए...बाइक से सफेद पोटली में लिपटा तमंचा निकाला और कार में रख दिया,फिर कार मालिक दलित व्यक्ति अमित को जेल भेज दिया. यूपी में पुलिस सीएम योगी के इशारे पर किस तरह से दलितों, पिछड़ों और विपक्षियों को फर्जी तरीके से फंसाकर जेल भेजने का काम कर रही है ये इस घटना से भी स्पष्ट हो रहा. सीएम योगी यूपी में सरकार नहीं जंगलराज चला रहे हैं.
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