उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के हस्तिनापुर विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी (एसपी) की चुनावी जनसभा में पहुंचे वन विभाग के दारोगा अजीत भड़ाना ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मौके पर ही इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया. बाकायदा वर्दी पहन कर एसपी की चुनावी जनसभा में पहुंचे दारोगा ने आरोप लगाते हुए कहा, “इन बीजेपी वालों ने मेरा खून पी रखा है.”
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आपको बता दें कि अजीत भड़ाना बुलंदशहर में वन विभाग में दारोगा के पद पर तैनात थे. अजीत भड़ाना ने आरोप लगाते हुए कहा, “कभी संगीत सोम के चेले, तो कभी राज्य मंत्री दिनेश खटीक के चेले धमकी देते हैं.” इसके बाद वन दारोगा अजीत भड़ाना ने आरएलडी-एसपी प्रत्याशी योगेश वर्मा की सभा में ही एसपी का दामन भी थाम लिया.
अजीत भड़ाना ने भरी सभा में कहा, “बीजेपी के कार्यकर्ता धमकाकर वोट मांगते हैं. उनसे परेशान होकर नौकरी छोड़ रहा हूं. बीजेपी वालों ने खून पी रखा है…मैं समाज के लिए त्यागपत्र दे रहा हूं”.
भड़ाना ने आगे कहा,
“गुर्जरों के लिए बीजेपी का शासन बहुत खराब है. सरकारी नौकरी मिलनी मुश्किल है. अशोक कटारिया मेरे समाज के सम्मानित मंत्री हैं. कटारिया फोन पर बोले कहां हो, मैंने बताया ड्यूटी पर हूं. उन्होंने पूछा वोट किसे कर रहे हो? मैंने कहा आपके विधायक गाली देते हैं, उनकी गाली सुनें और वोट भी दें? ये नौकरी देने की बजाय ले रहे हैं, एक भी बालक को नौकरी दी हो तो बताएं.”
अजीत भड़ाना
मीडिया से बातचीत के दौरान अजीत भड़ाना ने बताया कि उन्होंने विभाग को अपना इस्तीफा भेज दिया है. भड़ाना के मुताबिक, वह 1984 से नौकरी कर रहे हैं और अभी उनकी नौकरी में 2 साल बचे थे.
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