संभल की जामा मस्जिद के सामने पूजा करने पहुंचा युवक, पुलिस पूछताछ में पता चली ये बड़ी बात

अभिनव माथुर

• 04:40 PM • 20 Dec 2024

Sambhal News : संभल की जामा मस्जिद को लेकर एक नया विवाद फिर से सामने आया है, जिसने स्थानीय और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है.

संभल की जामा मस्जिद के सामने पूजा करने पहुंचा युवक

संभल की जामा मस्जिद के सामने पूजा करने पहुंचा युवक

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Sambhal News : संभल की जामा मस्जिद को लेकर एक नया विवाद फिर से सामने आया है, जिसने स्थानीय और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है. घटना शुक्रवार को हुई, जब एक युवक जुमे की नमाज से पहले अचानक मस्जिद के मुख्य द्वार पर पहुंचा और पूजा करने की कोशिश करने लगा. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे हिरासत में लिया. संभल के एसएसपी श्रीशचंद्र और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई का कहना है कि आरोपी युवक मानसिक रूप से अस्थिर है और उससे पूछताछ जारी है.

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युवक के बारे में पता चली ये बात

प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि वह युवक मानसिक रूप से अस्वस्थ है. एएसपी श्रीशचंद्र और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने इस मामले की जानकारी दी और बताया कि युवक को पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया है. पुलिस का कहना है कि युवक की मानसिक स्थिति का पूरी तरह से आकलन किया जाएगा और उसके परिवार वालों से संपर्क किया जाएगा. इस युवक के संदर्भ में कोई पूर्व अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन मानसिक स्थिति के कारण उसकी गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है. पुलिस द्वारा की जा रही पूछताछ के बाद ही इस मामले में उचित कार्यवाही की जाएगी.

लोगों के अलग-अलग दावे

यह विवाद बस यहीं तक सीमित नहीं है; पिछले कुछ समय से जामा मस्जिद को लेकर कई तरह के विवाद उपजे हैं. कुछ लोगों का दावा है कि मस्जिद से पहले यहां एक मंदिर था, जिसे ध्वस्त करके मस्जिद का निर्माण किया गया.  जब कोर्ट के आदेशानुसार मस्जिद का सर्वे हुआ, तब भारी विरोध और हिंसा हुई, जिसमें पुलिस की फायरिंग से पांच मुस्लिम युवकों की जान गई. 

मुस्लिम समुदाय का कहना है कि मस्जिद का निर्माण सूफी विचारक बादशाह शमशुद्दीन अल्तमश के समय किया गया और मंदिर होने का कोई प्रमाण नहीं है. वहीं, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) का आरोप है कि उन्हें मस्जिद में जाने नहीं दिया गया और उनका आरोप है कि मस्जिद परिसर में अवैध निर्माण हो रहे हैं.  एएसआई ने इसकी शिकायत कोर्ट में की है और संरक्षण अधिनियम 1958 के उल्लंघन का हवाला दिया है. 

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