Bahraich News: बहराइच जिले के महसी तहसील क्षेत्र में भेड़िए का आतंक फैला हुआ है, जिससे दर्जनों गांवों के लोग दहशत में जी रहे हैं. हाल ही में हुई घटनाओं ने इस खतरे को और भी गंभीर बना दिया है. ग्रामीणों के अनुसार, पिछले दो महीनों में महसी के कछार इलाके के लगभग आधा दर्जन गांवों में सात मासूम बच्चों को भेड़िए ने अपना निवाला बना लिया है. हालांकि, जिले के डीएफओ अजीत कुमार सिंह के अनुसार, अब तक कुल पांच बच्चों की मौत भेड़िए के हमले में हो चुकी है. एक बच्चा अभी तक लापता है, और उसकी स्थिति की पुष्टि नहीं की जा सकी है.
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बच्चों पर लगातार हमले: दर्दनाक घटनाओं का सिलसिला
हालिया हरदी थाना क्षेत्र के पूरे गड़रिया गांव के भटौली मजरे में एक दर्दनाक घटना घटी. रामावती की आठ वर्षीय मासूम बेटी खुशबू अपने घर के बरामदे में सोई हुई थी जब भेड़िया उसे उठा ले गया. उसकी दादी रूपा के अनुसार, भेड़िया खुशबू को उठाकर भाग गया, और रूपा ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन भेड़िया तेजी से भाग गया. बाद में, खुशबू का छत-विक्षत शव नदी के दूसरी ओर मिला. इसी इलाके के एक अन्य गांव में, चार दिन पहले एक चार वर्षीय बच्ची संध्या को भी भेड़िए ने उठा लिया था. उसका शव भी क्षत-विक्षत अवस्था में खेत में पड़ा मिला.
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने ये कहा
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि प्रेम नारायण यादव का कहना है कि इस इलाके में छह से सात बच्चों को भेड़िया उठा चुका है. उन्होंने बताया कि गांव में रात को जागने के लिए लोगों को टीम बनाकर मोटरसाइकिल से भ्रमण कराया जा रहा है. इसके अलावा, ई-रिक्शा पर लाउडस्पीकर लगाकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जिला प्रशासन भी इस काम में सहयोग कर रहा है, लेकिन वन विभाग की कार्यशैली को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि वन विभाग द्वारा कोई विशेष प्रयास नहीं किए जा रहे हैं.
डीएफओ ने क्या बताया?
जिले के डीएफओ अजीत कुमार सिंह ने बताया कि अब तक भेड़िए के हमले में पांच बच्चों की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि इस इलाके में कुल छह भेड़िए हैं, जिनमें से तीन को वन विभाग पकड़ चुका है. अन्य तीन भेड़ियों को पकड़ने के लिए विभाग पूरी कोशिश कर रहा है. इसमें कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग, गोंडा, और श्रावस्ती वन प्रभाग की भी मदद ली जा रही है. डीएफओ ने बताया कि भेड़ियों को पकड़ने के लिए गांवों के प्रवेश बिंदुओं पर पिंजड़े लगाए गए हैं और कुछ स्थानों पर सेंसर कैमरे भी लगाए गए हैं.
भेड़िए के हमलों से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक जन जागरूकता अभियान शुरू किया है. इसके तहत गांव-गांव लाउडस्पीकर के माध्यम से घोषणा की जा रही है और लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए जा रहे हैं. डीपीआरओ राघवेंद्र द्विवेदी और महसी ब्लॉक के बीडीओ हेमंत यादव स्वयं प्रभावित इलाकों में जन जागरूकता अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. पंचायत सचिव और सफाईकर्मियों को लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए तैनात किया गया है. साथ ही, प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि प्रभावित गांवों में निर्बाध बिजली आपूर्ति हो, ताकि रात में गांवों में रोशनी बनी रहे. इसके अलावा, प्रशासन द्वारा उन परिवारों को शीघ्र शौचालय दिए जाने का प्रयास किया जा रहा है जो अभी तक इस सुविधा से वंचित हैं, ताकि लोगों को खुले में शौच के लिए बाहर न जाना पड़े.
भेड़िए के लगातार हो रहे हमलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश की मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह ने प्रभावित गांवों का दौरा किया और भेड़िए को पकड़ने के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी किए. उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द शेष भेड़ियों को पकड़ने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि आगे किसी और जान का नुकसान न हो.
गांवों में दहशत का माहौल
महसी क्षेत्र के गांवों में भेड़िए का आतंक इतना बढ़ गया है कि दिन हो या रात, हर समय जागते रहो कि आवाज सुनाई देती है. लोग अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं और बच्चों को बाहर अकेला छोड़ने में डर रहे हैं. लोग रात भर जागकर पहरा दे रहे हैं और गांवों में लगातार मोटरसाइकिल से गश्त कर रहे हैं. ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन भेड़िए का खतरा अभी भी बना हुआ है.
प्रशासन द्वारा लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे रात में अपने घरों के दरवाजे बंद रखें और बच्चों को अकेला न छोड़ें. इसके अलावा, खुले में शौच के लिए बाहर जाने से बचें. जिला प्रशासन और वन विभाग की टीमों द्वारा लगातार इलाके में गश्त की जा रही है, और भेड़ियों को पकड़ने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं.
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