Uttar Pradesh News : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान के दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र का मामले में मुरादाबाद जिला न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में अब्दुल्ला आजम खां की 1 जनवरी 1993 जन्मतिथि को सही माना है. अब्दुला आजम के पक्ष की तरफ से कोर्ट को 1 जनवरी 1990 जन्मतिथि को सही बताया जा रहा था. मुरादाबाद जिला न्यायालय ने स्कूल, नगर निगम और अस्पताल से दस्तावेज मंगाकर व सभी के बयान सुनने के बाद यह फैसला दिया है.
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अब सुप्रीम कोर्ट को होगी सुनवाई
बता दें कि मुरादाबाद जिला न्यायालय फैसले की कॉपी को सुप्रीम कोर्ट भेजी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने मुरादाबाद जिला न्यायालय को जन्मतिथि का निर्धारण करने का आदेश भी दे दिया था. वहीं अब आगे की कार्यवाही सुप्रीम कोर्ट में होगी. इस मामले में अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट को करना है.
क्या था पूरा मामला
आपको बता दें कि यह मामला 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव का है. अब्दुल्ला आजम रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े और जीते भी थे. इस चुनाव को उनके विरोधी नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आजम की उम्र विधायक का चुनाव लड़ने लायक नहीं है. शैक्षिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 है, जबकि बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर उनका जन्म 30 सितंबर 1990 को हुआ है. हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला की ओर से पेश किया गया जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया था और स्वार सीट से उनका चुनाव रद्द कर दिया था.
इसके बाद इस मामले में एक नया मोड़ तब आया जब रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में रामपुर के थाना गंज में अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र होने का मामला दर्ज कराया था. इसमें आजम खान और उनकी पत्नी डॉक्टर ताजीन फातिमा को भी आरोपी बनाया गया था.
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