सपा (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान (Azam Khan) को रामपुर कोर्ट ने हेट स्पीच और आचार संहिता के उल्लंघन मामले में दोषी करार दे दिया है. अदालत ने आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई है. अब आजम खान को विधानसभा से स्तीफा देना पड़ेगा. जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक 2 साल या उससे अधिक की सजा मिलने के बाद सदस्यता समाप्त हो जाती है.
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सन 2002 में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में किए गए संशोधन के मुताबिक सजा की अवधि पूरी होने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने की पाबंदी लागू हुई है. पहले ये पाबंदी फैसला सुनाने के दिन से ही लागू होती थी, लेकिन उसमें तकनीकी खामियां दिखीं. इसके बाद संसद ने इसमें संशोधन किया.
इसके मुताबिक सजा प्राप्त व्यक्ति अपनी सजा पूरी करने के बाद भी छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेगा. किसी अपराध में केवल जुर्माना सुनाए जाने की स्थिति में भी वह व्यक्ति छह वर्ष के लिए चुनाव नही लड़ पाएगा.
यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा है. जब कथित रूप से आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थी. जिसपर भाजपा नेता आकाश सक्सेना की शिकायत पर रामपुर के मिलक थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. अब इसी मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट 27 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाएगी. इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है.
इससे पहले आजम खान के वकील विनोद शर्मा ने बताया था कि ‘हमने अपनी पूरी बहस कर ली है. जितने भी भाषण हैं, यह हमारे भाषण नहीं है. यह सब फर्जी तरीके से बनाए गए हैं. अभियोजन पक्ष अपना केस अदालत में साबित नहीं कर पाया है. अभियोजन और हमने अपनी बहस पूरी कर ली है. हमने जो पॉइंट्स उठाए थे, वह उसका स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए.’
जानिए पूरा मामला
इस पर वकील विनोद शर्मा ने बताया था, “7-9-2019 में एफआईआर दर्ज हुई थी. आजम खान ने एक जगह स्पीच दी थी. इस स्पीच के संबंध में अभियोजन पक्ष ने यह मुकदमा दर्ज किया था.
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