Mangesh Yadav Encounter: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में मंगेश यादव एनकाउंटर को लेकर यूपी की राजनीति गर्मा गई है. एक तरफ जहां परिवार ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया है तो वहीं विपक्ष के नेता बीजेपी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाने पर ले रहे हैं. एनकाउंटर पर उठ रहे सवालों के बीच सुल्तापुर लूट की CCTV वीडियो की काफी चर्चा हो रही है.
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इस वीडियो की काफी चर्चा
बता दें कि सुल्तानपुर डकैती के वीडियो में साफ-साफ दिखता है कि, 28 अगस्त की दोपहर बारह बजे पांच लोग आते हैं. लुटेरे दो बाइक पर सवार होकर आते हैं और मुंह को गमछे से लपेटकर दुकान में घुस जाते हैं. इसके बाद एक डकैत बाहर आता है और बाइक में रखा झोला लेकर जाता है, जब ये सब हो रहा है तो बाहर बैठे लोगों को इस बारे में कोई अंदाजा भी नहीं है कि ठठेरी बाजार के भरत जी सर्राफ की दुकान लूटी जा रही है. दो लुटेरे सामान लूटते हैं जबकी दो वहीं पिस्टल और कट्टा निकाल कर निगरानी कर रहे हैं और धमकी दे रहे हैं. जबकि एक लुटेरा गेट के पास निगरानी कर रहा है. हालांकि जब ये सब हो रहा है तब बगल वाले दुकान के लोग लगभग बेखबर हैं. लोगों को जानकारी तब हुई जब लुटेरे बाहर आते हैं.
वीडियो मे कौन-कौन दिखा!
सबसे पहले हरी शर्ट में एक लुटेरा बाहर आता है और बाइक को स्टार्ट करता है. उसके बाद डार्क ग्रीन शर्ट में दूसरा लुटेरा बैग लेकर भागता हुआ आता है. उसके हाथ में पिस्टल दिखती है. फिर हैलमेट लगाए तीसरा लुटेरा बाहर आता है, जिसके हाथ में इतना बैग है जिसे संभाल पाना भी मुश्किल है. इसी बैग में सारा लूट का माल भरा हुआ है. उसके बाद पाँचवा लुटेरा आता है और बाइक से सब भाग जाते हैं. हालांकि किसी की भी पहचान करना मुश्किल है की आखिर ये है कौन.
ऐसे बना था पूरा प्लान
दो सितम्बर को पुलिस के हाथ सचिन पुष्पेंद्र त्रिभुवन लगते हैं. पुलिस के मुताबिक ये अपने डकैती का सामान बेचने निकले थे. इन्ही से पूछताछ के आधार पर विपिन सिंह, फुकरान अनुज प्रताप परवाज, विनय शुक्ला, मंगेश यादव, अंकित यादव शेखर, अजय यादव DM अरविंद यादव और फौजी विवेक सिंह दुर्गेश प्रताप के नाम सामने आते है. पुलिस की माने तो डकैती से पहले पूरी प्लानिंग की गई थी. पहले ग्रुप में पुष्पेंद्र त्रिभुवन और सचिन थे, जिन्होंने पूरा प्लान बनाया और एक बुलेरो का भी इंतजाम किया. वहीं दूसरा ग्रुप था विपिन सिंह, विनय शुक्ला, अजय यादव, अरविंद यादव, विवेक सिंह और दुर्गेश सिंह का जो डकैती डालने वाले बदमाशों को बैकअप दे रहे थे. जबकि तीसरे ग्रुप में फुरकान अजय प्रताप अरबाज और मंगेश यादव और अंकित यादव थे और यही डकैती डाल रहे थे.हालांकि पाँच सितंबर को पुलिस ने एक एनकाउंटर में जौनपुर के मंगेश यादव को मार गिराया इसके बाद से इस पर सियासत भी तेज हो गयी है.
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