Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा की मांग करने वाली याचिका पर वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट अब 14 नवंबर को फैसला सुनायेगी. बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक और कथित शिवलिंग की पूजा संबंधी याचिका पर मंगलवार को फैसला आना था. फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज महेंद्र पांडे की बेंच में याचिका की सुनवाई पूरी हो चुकी है लेकिन छुट्टी पर होने की वजह से अब फैसला 14 नवंबर को सुनाया जाएगा.
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दरअसल हिंदू पक्ष का दावा है कि वज़ुखाना के अंदर पाई गई संरचना ‘शिवलिंग’ है. ऐसे में इसकी पूजा करनी की अनुमति दी जाए. सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट वादी द्वारा तीन मुख्य मांगों पर अपना फैसला 14 नवबंर को सुनाएगा.
जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता सुलभ प्रकाश ने बताया कि अदालत के न्यायाधीश के छुट्टी पर होने की वजह से अब फैसला 14 नवंबर को सुनाया जाएगा. बता दें कि हिंदू पक्ष ने कोर्ट में जो याचिका डाली थी उसमें स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की प्रार्थना की तत्काल अनुमति, पूरे ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपना, और परिसर के अंदर मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना शामिल है.
गौरतलब है कि वादी किरण सिंह ने 24 मई को वाद दाखिल किया था, जिसमें वाराणसी के जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के साथ ही विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया था. बाद में 25 मई को जिला अदालत के न्यायाधीश ए. के. विश्वेश ने मुकदमे को फास्ट ट्रैक अदालत अदालत में स्थानांतरित कर दिया था.
पिछली सुनवाई के दौरान, वाराणसी की अदालत ने कथित ‘शिवलिंग’ की ‘वैज्ञानिक जांच’ की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. हिंदू पक्ष ने उस संरचना की कार्बन डेटिंग की मांग की थी. इससे पहले, इसी साल मई में दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी—श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था. इस दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में एक आकृति पायी गयी थी. हिन्दू पक्ष ने इसे शिवलिंग बताते हुए कहा था कि इसके साथ ही आदि विश्वेश्वर प्रकट हो गये हैं. दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष ने इसे फौव्वारा बताते हुए दलील दी थी कि मुगलकालीन इमारतों में ऐसे फौव्वारे मिलना आम बात है.
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