ज्ञानवापी (Gyanvapi Controversy) में गौरी शृंगार गौरी (Shringar Gauri Case) मामले पर सुनवाई गर्मी की छुट्टी के बाद 4 जुलाई को हुई. सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने अपनी दलीलें पूरी कीं. उन्होंने 51 बिंदुओं पर अपनी दलीलें पेश की. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है.
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गौरतलब है कि 17 अगस्त 2021 को पांच महिलाओं की ओर से श्रृंगार गौरी में दर्शन पूजन और विग्रहों की सुरक्षा को लेकर डाली गई याचिका पर सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर ने एडवोकेट कमीशन की कार्यवाही कराई थी. फिलहाल ये सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिला जज की अदालत में चल रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने वादी पक्ष के मुकदमे की योग्यता पर सवाल उठाने वाली प्रतिवादी पक्ष की दाखिल अर्जी पर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करने का जिला जज को आदेश दिया था. बता दें कि जिला जज की अदालत में 23 मई से सुनवाई चल रही है. जिला जज सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत इस बात की सुनवाई पहले कर रहे हैं कि मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं.
सनद रहे कि वाद के 52 में से 39 बिंदुओं पर मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव (Abhay Nath Yadav) जिला जज की अदालत में बीती तारीखों में अपनी दलील दे चुके हैं. सोमवार को उन्होंने 51 बिंदुओं पर अपनी दलीलें पेश की. अब मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी.
इस मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने यूपी तक से बातचीत में कहा- “एक बार ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की मेरिट पर सुनवाई हो जाए फिर हम इस मामले में ASI को लाने के लिए भी आगे बढ़ेंगे. जो लोग 91 एक्ट का हवाला दे रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि अगर वहां शिवलिंग मिला है, जो कि सालों पुराना है तो वहां 91 एक्ट लागू नहीं होता. हम यह बात कोर्ट में रखेंगे.”
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